गुजरात कांग्रेस में अनदेखी पर भड़के हार्दिक पटेल, पार्टी नेताओं को कोसा, राहुल गांधी पर भी निशाना

Hardik Patel Statement: गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी में खुद को अनदेखा किए जाने का बड़ा आरोप लगाया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-04-14 11:20 GMT

 हार्दिक पटेल: Photo - Social Media

Hardik Patel Statement Today: गुजरात में विधानसभा चुनाव (assembly elections in gujarat) से पहले पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है। हार्दिक पटेल ने पार्टी में खुद को अनदेखा किए जाने का बड़ा आरोप लगाया है। हार्दिक को 2020 में प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था मगर हार्दिक का कहना है कि पार्टी से जुड़े मसलों में उनकी कोई राय नहीं ली जाती।

हार्दिक इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने का संकेत पहले ही दे चुके हैं मगर वे पार्टी नेतृत्व के काम करने के ढंग से खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि पार्टी में मेरी स्थिति उस नवविवाहित दूल्हे की तरह हो गई है जिसकी नसबंदी कर दी गई हो। हार्दिक के इस बयान से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में गुजरात कांग्रेस का संकट बढ़ सकता है। दूसरी ओर लंबे समय से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा एक बार फिर विपक्ष को सियासी पटखनी देने की तैयारी में जुटी हुई है।

हार्दिक ने दिए चुनाव लड़ने के संकेत

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की ओर से हाल में सुनाए गए फैसले से हार्दिक पटेल को बड़ी राहत मिली है और इस फैसले के बाद ही उन्होंने चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। दरअसल 2015 के एक मामले में हार्दिक को 2 साल की सजा सुनाई गई थी मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगा दी है। हार्दिक ने पार्टी के फैसलों में अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे पीसीसी की किसी भी बैठक में नहीं बुलाया जाता। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान हार्दिक ने कहा कि हाल में 75 नए महासचिवों और 25 नए उपाध्यक्षों की नियुक्ति में मुझसे कोई सलाह नहीं ली गई।

प्रदेश नेतृत्व पर परेशान करने का आरोप

हार्दिक ने कहा कि हाल के दिनों में कांग्रेस को मिली सफलता के पीछे पाटीदार आंदोलन की बड़ी भूमिका रही है। इस आंदोलन के कारण 2015 के स्थानीय निकाय चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही थी। इसी कारण पार्टी को 2017 में 77 सीटों पर जीत हासिल हुई थी मगर उसके बाद मेरा सही इस्तेमाल नहीं किया गया। पार्टी में भी तमाम लोगों का मानना है के पार्टी ने मुझे सिर्फ कार्यकारी अध्यक्ष का पद दे दिया मगर मेरे लिए करने को कुछ नहीं है।

हार्दिक ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर खुद को परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा प्रदेश कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं। उन्होंने कहा कि मैं इस बाबत कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कई बार जानकारी दे चुका हूं मगर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गुटबाजी और राज्य कांग्रेस के नेताओं के दूसरे दलों के साथ गुप्त गठबंधन के कारण ही पिछले तीन दशक से राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बन सकी।

नरेश पटेल का भी होगा मेरे जैसा हश्र

पाटीदार समुदाय के चर्चित नेता नरेश पटेल को कांग्रेस में लिए जाने के प्रयासों पर भी हार्दिक ने नेतृत्व को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि इतने दिनों से नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने की बात सुनी जा रही है मगर नेतृत्व ने अभी तक इस बाबत कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मैं नरेश भाई को पार्टी में शामिल किए जाने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सवाल यह है कि उनका भी कहीं मेरे जैसा ही हाल न हो जाए। कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में मेरा उपयोग किया, 2022 में नरेश पटेल का उपयोग करेगी तो क्या हाल 2027 के चुनाव में कोई नया पटेल नेता ढूंढ कर सामने लाया जाएगा?

राहुल गांधी: Photo - Social Media

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) नहीं लेते कोई फैसला

उन्होंने स्पष्ट किया कि वे कांग्रेस छोड़ने पर विचार नहीं कर रहे हैं मगर यह सच्चाई है कि गुजरात कांग्रेस में जो भी नेता मजबूत होता है उसे परेशान किया जाता है। इसके पीछे सोच यह होती है कि वह नेता खुद ही पार्टी छोड़कर चला जाए। मुझे भी इसलिए निशाना बनाया जा रहा है ताकि मैं भी पार्टी छोड़कर चला जाऊं। पार्टी के नेता ही मेरे बारे में तरह-तरह की अफवाह फैलाने की साजिश में जुटे हुए हैं।

अल्पेश ठाकोर के कांग्रेस छोड़कर चले जाने का जिक्र करते हुए हार्दिक ने कहा कि उसने भी स्वार्थ की वजह से नहीं बल्कि परेशान किए जाने के कारण ही पार्टी से अलग राह चुन ली। कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व में तनिक भी दम नहीं है और गुटबाजी को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। तकलीफ इस बात की है कि इस बाबत जानकारी दिए जाने के बावजूद राहुल गांधी की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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