नवजोत सिद्धू के पाला बदल के पीछे हैं ये नेता, ऐसे प्लान को दिया अंजाम

Update:2016-07-19 15:35 IST

नई दिल्ली: नवजोत सिंह सिद्धू का अचानक बीजेपी छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पंजाब चुनाव के ऐन करीब सिद्धू का पार्टी छोड़ना बीजेपी के रणनीतिकारों के लिए भी गहरा सवाल खड़े करने वाला है। लेकिन अब सवाल है कि इस सबके पीछे है कौन ? जब नवजोत सिद्धू को बीजेपी ने राज्यसभा के लिए चयनित किया, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के करीब जाना मुनासिब समझा।

नाराजगी के बावजूद रहे पार्टी के संग

सिद्धू की बीजेपी से नाराजगी तब जगजाहिर हुई थी जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें अमृतसर सीट से हटाकर मोदी के करीबी अरुण जेटली को वहां से चुनाव लड़ा गया था। हालांकि सिद्धू ने तब भी खुलकर कोई विरोध नहीं किया था। वो शांत रहे। इस दरमियान वो क्रिकेट और कुछ टीवी शोज में दिखते रहे। अब सवाल यहीं खड़ा होता है कि जब सब-कुछ सामान्य था तो आखिर कौन है जिसने सिद्धू को बीजेपी से अलग करने में अहम भूमिका निभाई।

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आप पार्टी के करीब लाने में है इनका हाथ

आप सूत्रों की मानें तो इसके पीछे बीजेपी के ही 'विभीषण' हैं। ये दोनों ही बिहार से बीजेपी सांसद हैं और दोनों ही लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। लेकिन इस बार नवजोत सिंह सिद्धू को आप पार्टी के करीब ले जाने में अहम भूमिका निभाया है अपनी ही पार्टी से निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद ने। कीर्ति आजाद इससे पहले भी बीजेपी के लिए कई बार मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। अरुण जेटली से डीडीसीए मुद्दे पर उनका झगडा पहले ही बीजेपी के लिए जग हंसाई करवा चुका है।

'शॉटगन' की भी चर्चा

वहीं दूसरा नाम बीजेपी के ही सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का सामने आ रहा है। आप सूत्र का कहना है कि मोदी सरकार में शामिल नहीं किये जाने से लंबे समय से खफा बॉलीवुड एक्टर ऐसे मौके की तलाश में थे जिससे एक बार फिर वो बीजेपी को अपने निशाने पर ले सकते हैं। ज्ञात हो कि बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी की मिट्टी पलीद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

सिद्धू और अकाली दल के बीच छत्तीस का रिश्ता

आप पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कीर्ति आजाद लंबे समय से नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने में जुटे थे। ये भी सही है कि सिद्धू इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे। लेकिन पंजाब में समय-समय पर सत्तारूढ़ गठबंधन की बड़ी पार्टी अकाली दल से इनका मनमुटाव भी सामने आ रहा था। हाल के दिनों में दोनों ओर से बयानबाजी तेज हो गई थी। कीर्ति आजाद ने इन्हीं मुद्दों को आधार बनाया और सिद्धू को बीजेपी से अलग करने में सफलता हासिल की।

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कीर्ति की पत्नी भी आप में शामिल हो सकती हैं

इस खबर की पुष्टि तब हो जाती है, जब नवजोत सिद्धू के आप में शामिल होने की खबर के अगले ही दिन कीर्ति आजाद की पत्नी जो दिल्ली बीजेपी की प्रवक्ता पूनम आजाद के आप पार्टी में शामिल होने की बात सामने आई। पूनम दिल्ली बीजेपी की पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उम्मीद है कि पूनम भी जल्द ही आप पार्टी के रथ पर सवार हो सकती हैं ।

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