Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में अब अयोध्या पर संग्राम, चाचा राज ठाकरे को जवाब देने उतरे आदित्य
Maharashtra Politics: राज ठाकरे के बाद अब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी अयोध्या जाकर भगवान रामलला का आशीर्वाद लेने की घोषणा कर दी है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर (Maharashtra loudspeaker row) को लेकर ठाकरे परिवार में छिड़ी सियासी जंग अब अयोध्या तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने पहले ही 5 जून को अयोध्या ( Ayodhya)जाने और भगवान रामलला का दर्शन करने का ऐलान कर रखा है। अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने भी अयोध्या जाकर भगवान रामलला का आशीर्वाद लेने की घोषणा कर दी है।
चाचा राज ठाकरे और भतीजे आदित्य ठाकरे की इस घोषणा से साफ हो गया है कि महाराष्ट्र में हिंदू वोट बैंक की लड़ाई अब अयोध्या के सहारे भी लड़ने की कोशिश की जा रही है। इसी कारण राज ठाकरे की घोषणा के बाद अब शिवसेना की ओर से अयोध्या यात्रा के लिए आदित्य ठाकरे को आगे किया गया है। देश में हिंदुत्व के एजेंडे में अयोध्या का मुद्दा सबसे बड़ा रहा है और इसीलिए अब महाराष्ट्र की सियासत में अयोध्या को लेकर माहौल गरमाता दिखाई दे रहा है।
राज से पहले अयोध्या जा सकते हैं आदित्य
महाराष्ट्र की सियासत में कई दिनों से लाउडस्पीकर को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर न उतरवाने पर दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करने की चेतावनी दे रखी है। वे इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में जनसमर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। महाराष्ट्र की सियासत में खुद को स्थापित करने की मुहिम के तहत उन्होंने 5 जून को समर्थकों के साथ अयोध्या पहुंचकर भगवान रामलला का दर्शन करने की घोषणा भी कर रखी है। मुंबई के प्रमुख स्थानों पर मनसे की ओर से इस बाबत बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं।
महाराष्ट्र में हिंदुत्व की राजनीति करने में जुटे राज ठाकरे को जवाब देने के लिए शिवसेना ने अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को मैदान में उतार दिया है। राज ठाकरे की अयोध्या यात्रा से पहले आदित्य ठाकरे के अयोध्या जाने की संभावना जताई जा रही है।
सियासी जानकारों का कहना है कि आदित्य ठाकरे मई महीने के दौरान ही अयोध्या की यात्रा कर सकते हैं। वैसे शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा की किसी निश्चित तारीख की अभी तक घोषणा नहीं की गई है।
राज का पहला तो आदित्य का तीसरा दौरा होगा
लंबे समय से सियासी मैदान में सक्रिय राज ठाकरे ने अभी तक अयोध्या की यात्रा नहीं की है मगर हिंदुत्व हिंदू वोट बैंक को साधने के लिए अब वे अयोध्या के दौरे पर पहुंचने वाले हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने राज की घोषणा के बाद ही अयोध्या दौरे का ऐलान किया है। राज ठाकरे पहली बार अयोध्या में भगवान रामलला के दरबार में पहुंचेंगे जबकि आदित्य ठाकरे इसके पूर्व दो बार अपने पिता के साथ अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने 2018 और 2020 में पिता के साथ अयोध्या जाकर भगवान रामलला का दर्शन किया है। इस तरह यह उनकी अयोध्या की तीसरी यात्रा होगी।
राज के दौरे को मिलेगी ज्यादा तरजीह
दरअसल शिवसेना के कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने के बाद राज ठाकरे को हिंदुत्व की पिच पर बैटिंग करने का बड़ा मौका मिल गया है। इसी कारण लाउडस्पीकर विवाद के बाद उन्होंने अयोध्या यात्रा की बड़ी घोषणा कर डाली है। वैसे शिवसेना के बदले हुए तेवर के बाद अयोध्या के संत समुदाय की ओर से राज ठाकरे को ज्यादा जोरदार स्वागत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी रमेश दास का कहना है कि शिवसेना अपने संस्थापक बाला साहब ठाकरे की नीतियों को छोड़कर अलग रास्ते पर चल चुकी है। पार्टी सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण के रास्ते पर चल रही है और उसने हिंदुत्व की विचारधारा का परित्याग कर दिया है। इसलिए अयोध्या का संत समुदाय आदित्य ठाकरे की यात्रा का कोई इंतजार नहीं कर रहा है।
विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय प्रवक्ता शरद शर्मा का भी कहना है कि राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ अभियान पूरी तरह बंद कर दिया है और अब वे शिवसेना की जगह हिंदुओं में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। शिवसेना की नीतियां बाला साहब ठाकरे के विचारों के अनुरूप नहीं रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अयोध्या में आदित्य ठाकरे की अपेक्षा राज ठाकरे का ज्यादा जोरदार स्वागत होगा।