सांसदों के घर पर देश व्यापी भूख हड़ताल, इस सांसद का मिला समर्थन

Update: 2018-10-28 10:39 GMT

गोरखपुर: सांसदों के घर पर भूख हड़ताल, पुरानी पेंशन को लेकर अटेवा पेंशन मंच ने मोर्चा खोल दिया है। जी हां, रविवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश की तरफ से आज देश व्यापी नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम के आवाहन पर देश के सभी सांसदों के आवास पर एक दिवसीय अनशन के कार्यक्रम को रखा गया। जिसके क्रम में आज गोरखपुर में भी तीनों सांसदों के घर के बाहर भूख हड़ताल का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें केवल प्रवीण निषाद ही मिले और उन्होंने इनका ज्ञापन लेकर इन्हें आश्वासन दिया।

रायबरेली में भी प्रदर्शन

कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में भी अटेवा के हजारों समर्थकों ने सांसद सोनिया गांधी के गेस्ट हाऊस के बाहर उपवास रख कर प्रदर्शन किया और पुरानी पेंशन की मांग के समर्थन में जम कर नारेबाजी की।

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गोरखपुर के दो सांसद रहे नदारद

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आज देश के सभी सांसदों के घर पर अटेवा मंच के नेतृत्‍व में भूख हड़ताल का कार्यक्रम किया गया। इसी क्रम में गोरखपुर में भी तीनों सांसदों जिनमें बीजेपी के वित्त मंत्री शिव प्रताप शुक्ला (राज्य सभा सांसद), इंजीनियर प्रवीण निषाद (सदर सासंद समाजवादी पार्टी) और कमलेश पासवान (बीजेपी बांसगांव सांसद) के घरों के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ कर अपना विरोध दर्ज कराया गया। जिसमें शिव प्रताप शुक्ला के घर के बाहर तिराहे पर बैठे लोगों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार को घेरने का काम किया। उन्‍होंने सरकार को चेतावनी भी दी, हालांकि यहां पर शिव प्रताप शुक्ला मौजूद नहीं थे।

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सांसद भी बैठे धरने पर

इसके बाद सदर सांसद प्रवीण निषाद के घर के बाहर भी दर्जनों की संख्या में भूख हड़ताल पर बैठ कर प्रदर्शन किया गया। इनके भूख हड़ताल को देखकर सांसद प्रवीण निषाद ने अपने सभी कार्यक्रम को रद्द करके इन प्रदर्शन करने वाले लोगो के पास पहुंचे। वह प्रदर्शनकारियों के बीच में जाकर बैठ गए और इनके धरने में शामिल हो गए।

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बीजेपी दे रही कर्मचारियों को टेंशन

वहीं सदर सांसद प्रवीण निषाद ने कहा कि इन लोगों की मांग पुरानी पेंशन को लेकर है। इसको लेकर एक दिन के लिए ये लोग उपवास पर हैं। पुरानी पेंशन की स्कीम पहले मिलती थी। जो इस देश की सेवा करते थे, उसके एवज में उन्हें पेंशन मिलती थी। उनके साथ अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो उनके परिवार के लोगों को पेंशन मिलती थी। लेकिन आज नो पेंशन स्कीम की तहत कर्मचारियों को टेंशन देने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है।

वर्ष 2004 में भी इन्‍होंने पेंशन को बंद करने का काम किया था। आज 2018 में भी इनकी सरकार है। आज मैं बतौर सांसद के तहत कहना चाहता हूं कि देश में एक कानून बनना चाहिए। सरकार सभी की पेंशन बहाल करे, नहीं तो सभी की पेंशन बंद करे। ये हमारी मांग है। हम भी आज घोषणा करते हैं। अगर इनकी पेंशन बंद है तो सभी सांसदों और विधायकों और प्रधानमंत्री की भी पेंशन बंद होनी चाहिए। ये दोहरी राजनीती इस देश में नहीं चलेगी।

नो पेंशन स्कीम के तहत इनकी पेंशन को बंद कर दिया गया। जिसके विरोध में आज ये सडकों पर उतर कर सभी सांसदों के आवास पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। ये अभी एक दिवसीय कार्यक्रम के जरिये सरकार को जगाने का काम किया गया है। इसके साथ ही ये चेतावनी भी दी है कि अगर इनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो 26 नवम्बर को दिल्ली में जाकर ये सरकार को घेरने का काम करेंगे।

अशोक सिंह (वरिष्ठ जिला सह संयोजक गोरखपुर अटेवा मंच) ने बताया कि आज हम लोग यहां सांसद प्रवीण निषाद के आवास पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। आगामी 26 नवम्बर को पूरे जिले से हजारो की संख्या में पेंशनर दिल्ली पहुंच कर संसद घेरने का काम करेंगे। उससे पहले हम चाहते हैं कि ये सांसद लोग हमारी आवाज बन कर हमारी आवाज संसद में उठाएं।

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