मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की विदाई तय कर रहा आरएसएस !

राज्य में बीजेपी की हार के बाद अब लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। ऐसा हम इसलिए कह पा रहे हैं, क्योंकि नेता विपक्ष के सबसे बड़े दावेदार शिवराज को आरएसएस नेता विपक्ष बनाने के मूड में नहीं है। जबकि अपने विदाई संबोधन में शिवराज ने चौकीदार बनने की बात कह नेता विपक्ष के तौर पर अपनी नई पारी के संकेत भी दिए थे।

Update: 2018-12-17 05:01 GMT

भोपाल : राज्य में बीजेपी की हार के बाद अब लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं। ऐसा हम इसलिए कह पा रहे हैं, क्योंकि नेता विपक्ष के सबसे बड़े दावेदार शिवराज को आरएसएस नेता विपक्ष बनाने के मूड में नहीं है। जबकि अपने विदाई संबोधन में शिवराज ने चौकीदार बनने की बात कह नेता विपक्ष के तौर पर अपनी नई पारी के संकेत भी दिए थे।

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आरएसएस को कौन पसंद

सूत्रों के मुताबिक आरएसएस नरोत्तम मिश्रा या गोपाल भार्गव में से किसी को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी देना चाहता है। यदि इनमें से कोई मना करता है तो ऐसे में किसी और की तलाश होगी लेकिन शिवराज नहीं। संघ मानता है कि इस बड़ी हार की वजह कार्यकर्ताओं का संतुष्ट नहीं होना भी रहा है ऐसे में शिवराज को नेता विपक्ष बनाना नाराजगी को और बढ़ा देगा।

सूत्र बताते हैं कि संघ के अंदर एक धड़ा ये चाहता है कि किसी ब्राह्मण को विपक्ष का नेता बनाया जाना चाहिए ताकि उच्च जाति के वोटरों में पार्टी के प्रति नाराजगी कम हो।

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तो शिवराज क्या करेंगे

सूत्र बताते हैं कि आरएसएस ने तय किया है कि शिवराज को आने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी में लगाया जाएगा। इसका फायदा ये होगा कि पूर्व सीएम का दखल सीधे तौर पर राज्य में कम होगा और वोटर्स की नाराजगी को कम किया जा सकेगा।

आपको बता दें, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सूबे की 29 में से 27 सीटों पर कब्जा किया था।

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