साध्वी ने फिर कराई फजीहत
अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
नई दिल्ली: अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। उन्होंने लोकसभा में चर्चा के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता दिया जिसे लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा पर बड़ा हमला बोल दिया। लोकसभा में भी इसे लेकर भारी हंगामा हुआ और स्पीकर के बहस न कराने के फैसले के विरोध में विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। इस बीच भाजपा हाईकमान ने इस बयान से किनारा कसते हुए सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर कड़ा ऐक्शन लिया है। प्रज्ञा को रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाया दिया गया। इसके साथ ही अब वे संसद सत्र के दौरान होने वाली बीजेपी संसदीय दल की बैठक में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
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साध्वी को कमेटी से हटाया
साध्वी के विवादित बयान से मुसीबत में फंसा बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर से बेहद खफा है। संसद भवन में सुबह हुई बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में प्रज्ञा पर कड़ा ऐक्शन लेकर साफ संदेश दिया गया। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमेटी से हटाने की सिफारिश की। नड्डा ने प्रज्ञा के बयान को अस्वीकार्य बताया और गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने प्रज्ञा के बयान की निंदा करते हुए कहा कि पार्टी कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा संसद सत्र के दौरान बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। माना जा रहा है कि प्रज्ञा पर यह कार्रवाई करके भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि प्रज्ञा ने जो कुछ भी कहा है वह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही पार्टी ऐसे बयानों को बर्दाश्त करने वाली नहीं है।
आखिर क्या हुआ था संसद में
सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने यह बयान बुधवार को लोकसभा में दिया था। उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने की टिप्पणी उस समय की जब डीएमके सांसद ए. राजा अदालत में दिए नाथूराम गोडसे के उस बयान का जिक्र कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा। ठाकुर की टिप्पणी पर संसद के अंदर-बाहर जबर्दस्त हंगाामा हुआ। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने ठाकुर की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मांग की कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। संसद में विपक्षी सदस्यों के विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ डीएमके नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर की टिप्पणी दर्ज नहीं की गई है। राजा ने कहा कि गोडसे ने स्वीकार किया था कि गांधी की हत्या का फैसला करने से पहले 32 सालों तक उसके मन में गांधी के प्रति द्वेष पनप रहा था। राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी को मारा क्योंकि वह एक खास विचारधारा में विश्वास रखता था।
पहले भी विवादित बयान दे चुकी हैं साध्वी
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भाजपा हाईकमान को मुसीबत में डाला है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने गोडसे को देशभक्त बताकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने एक रोडशो के दौरान कहा था कि नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और एक देशभक्त रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं, उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। इसे लेकर भी विपक्ष ने भाजपा पर बड़ा हमला बोल दिया था। इस मुद्दे को लेकर घेरेबंदी के बाद उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में टिप्पणी बेहद खराब और समाज के लिए बेहद गलत थी। मोदी ने कहा था कि हालांकि साध्वी ने माफी मांग ली है, लेकिन मैं उन्हें कभी भी मन से माफ नहीं कर पाऊंगा।
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साध्वी ने खुद को बेकसूर बताया
संसद में गोडसे संबंधी बयान को लेकर विपक्ष से लेकर अपनी पार्टी के निशाने पर आईं सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश कर झूठ फैलाया जा रहा है, जिससे सच्चाई छिप गई है। उन्होंने एक ट्वीट कर भाजपा हाईकमान की कार्रवाई पर कहा कि उनका अपराध बस यही है कि वह संसद में शहीद ऊधम सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाईं। प्रज्ञा ने ट्वीट किया कि कभी-कभी झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है कि दिन में भी रात लगने लगती है, किंतु सूर्य अपना प्रकाश नहीं खोता। पलभर के बवंडर मे लोग भ्रमित न हों, सूर्य का प्रकाश स्थायी है। सत्य यही है कि कल मैने ऊधम सिंह जी का अपमान नहीं सहा,बस।
लोकसभा में विपक्ष का हंगामा-वाकआउट
लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल प्रज्ञा के बयान पर हंगामा करने लगे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के तमाम नेता प्रज्ञा के बयान पर चर्चा की मांग की। चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वालों को देशभक्त बताया जा रहा है। यह सरकार नाथूराम गोडसेपंथी है। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि संबंधित सांसद के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। इस पर भी जब विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने कहा कि जो बात सदन के रिकॉर्ड में ही नहीं है, उस पर चर्चा नहीं हो सकती।
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राजनाथ ने बापू को बताया मार्गदर्शक
विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी बात रखने को कहा। रक्षा मंत्री ने कहा कि नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहे जाने की बात तो दूर, देशभक्त मानने की अगर किसी की सोच भी है, तो उनकी पार्टी इसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि जहां तक महात्मा गांधी का संबंध है, वह पहले भी हमारे मार्गदर्शक थे, भविष्य में भी रहेंगे। उनकी विचारधारा कल भी प्रासंगिक थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते हैं। रक्षा मंत्री के बयान से भी विपक्षी दल संतुष्ट नहीं हुए और विरोध में सदन से वॉकआउट कर गए। उधर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब साध्वी ने इस तरह की बात कही है। इससे साफ है कि वे गांधी की दुश्मन हैं और उनके हत्यारों की समर्थक हैं। मैंने इस बाबत स्पीकर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।