लखनऊ: सपा मुखिया अखिलेश यादव साइकिल पर सवार होकर लोकसभा चुनाव से ऐन पहले चुनावी जमीन तैयार करने की कोशिश में जुटे हैं। उसके जवाब में भाजपा ने भी बाइक रैली निकालने का ऐलान किया है। साफ है कि भाजपा सपा की साइकिल रैली का जवाब मोटरसाइकिल से देगी। उधर बसपा भी अपनी चुनावी तैयारियों को अमली जामा पहनाने में जुट गई है।
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यूपी में सपा—बसपा गठबंधन का शोर अभी थमा नहीं है। बसपा अंदरखाने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। छोटी—छोटी सभाएं कर बसपा अपने चुनावी रथ को आगे बढा रही है। चुनावी प्रचार में बसपा का पिछला रिकार्ड देखा जाए तो पार्टी इस तरह की रैलियों को आगे नहीं बढाती है। अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा 15 सितम्बर से कन्नौज से शुरू होने वाली थी। पर पड़ोसी राज्यों में चुनाव के चलते उसे टाल दिया गया है।
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अब एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ में चुनाव समाप्त होते ही उनकी साइकिल यात्रा शुरू होगी। उधर सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में 17 नवम्बर को प्रदेश भर में भाजपा की कमल संदेश यात्रा निकलेगी। प्रदेश में भाजपा के 1.60 लाख से ज्यादा बूथ हैं और हर बूथ से कम से कम पांच कार्यकर्ता मोटरसाइकिल से निकलेंगे। देखा जाए तो उस दिन यूपी की सड़कों पर करीबन 8 लाख मोटरसाइकिलें होंगी।
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