- सरकार के कामकाज में संगठन के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप पर जताई आपत्ति
- वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण पदो पर समायोजित करने पर दिया जोर
विजय शंकर पंकज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली कसौटी में विफल साबित हुई। मुख्यमंत्री आवास पर हाल में देर रात तक चली भाजपा संगठन, सरकार एवं संघ के वरिष्ठों की बैठक बड़े तनावपूर्ण माहौल में खत्म हुई। संघ के एक वरिष्ठ ने सरकार के मंत्रियों सहित संगठन के कई पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बनने के बाद भाजपा नेताओं का घमंड सिर चढ़कर बोल रहा है और इसकी चर्चा गांव पंचायतों तक होने लगी है। संघ ने सरकार के कामकाज को भी संगठन की मूल विचारधारा के विपरीत करार दिया। सरकार के कई अल्पावधि के फैसलों की भी बैठक में आलोचना की गयी। संघ ने सरकार के कामकाज में संगठन के कुछ पदाधिकारियों के हस्तक्षेप पर भी आपत्ति जतायी। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण पदों पर समायोजित करने पर बल दिया गया। इसके लिए सरकार एवं संगठन के कुछ वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बनायी जाएगी। संघ ने साफ चेतावनी दी है कि इसमें जल्द ही सुधार नही हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 50 सीटें भी मिलनी मुश्किल हो जाएगी। संघ ने सरकार एवं संगठन के कामकाज की अगली समीक्षा जुलाई माह में करने का संकेत दिया है।
इस समीक्षा बैठक में संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, संघ की तरफ से भाजपा में समन्वय कार्य देख रहे राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश के महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित कई वरिष्ठ मंत्री तथा पदाधिकारी मौजूद थे। संघ ने सरकार के कई निर्णयों को संगठन की नीतियों के विपरीत बताते हुए साफ किया कि निर्णय से पूर्व मातृ संगठन के वरिष्ठों से विचार विमर्श नहीं किया गया। संघ के एक वरिष्ठ ने इसके लिए प्रदेश भाजपा के महामंत्री संगठन सुनील बंसल को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार के ऐसे निर्णयों की जानकारी से मुख्यालय को अवगत कराने का दायित्व इन्हीं का है।
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दीर्घकालीन योजनाएं बनाने पर जोर
संघ ने शिक्षा तथा पर्यटन से जुड़ी कई योजनाओं को अल्पावधि का बताते हुए साफ किया कि दीर्घकालीन, सामाजिक मान्यता के अनुरूप तथा विकासोन्मुख योजनाएं लागू की जाएं। संघ ने कहा कि प्रचंड बहुमत वाली इस सरकार को दीर्घकालीन योजनाओं पर काम करना चाहिए। संघ ने शिक्षा क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन करने और नये प्रशिक्षित युवकों को मौका देने पर जोर दिया। पुराने शिक्षकों की भर्ती पर एतराज जताते हुए संघ ने कहा कि ऐसे शिक्षक पुरानी लीक पर चलने के आदी हो गए हैं। उनसे नयी आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में सुधार की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। संघ ने साफ किया कि सरकार के पास भर्ती करने के बहुत मौके हैं और लाखों पद खाली हैं। ऐसे में योग्य युवा अभ्यर्थियों की भर्ती अनिवार्य है।
अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूल खोलने पर आपत्ति
संघ ने सरकार के 500 अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने के निर्णय को भी आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि सरकार को इन चीजों से बचते हुए जर्मनी, जापान तथा चीन जैसे देशों का देखना चाहिए जो शिक्षा प्रणाली के लिए अपनी मातृभाषा पर ही जोर देते हैं। संघ ने पर्यटन नीति को बढ़ावा देने को सकरात्मक बताते हुए कहा कि तीर्थस्थलों को तीर्थाटन की तरह बढ़ावा दें, पर्यटन स्थल बनने के बाद इनकी धार्मिक महत्ता समाप्त हो जाएगी। संघ ने कई महत्वपूर्ण विभागों के कामकाज में सुस्ती पर आपत्ति जतायी। आबकारी, पंजीरी वितरण तथा खनन मामलों को लेकर मीडिया में चल रही चर्चाओं पर ध्यान देते हुए इसमें तत्काल सुधार किए जाने पर जोर दिया।
कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर जताई चिंता
संघ ने कहा कि भाजपा के पास वरिष्ठ, अनुभवी एवं युवा कार्यकर्ताओं की एक बड़ी टीम है। इसमें बहुत से ऐसे योग्य लोग भी हैं जिनका सरकार एवं संगठन में कोई समायोजन नहीं हो पाया है। ऐसे योग्य लोगों के समायोजन पर चिन्तन होना चाहिए। इसके लिए सरकार एवं संगठन के कुछ वरिष्ठ लोग बैठकर ऐसे कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर सूची तैयार करें और उनके अनुभव एवं सम्मान के अनुरूप समायोजन किया जाए। संघ ने इस काम को मार्च तक पूरा करने की हिदायत दी ताकि अगले वर्ष अप्रैल से यह लोग नयी जिम्मेदारियों का निर्वहन शुरू कर दें। संघ ने साफ किया कि निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा एवं उत्साहहीनता की खबरें सरकार एवं संगठन दोनों के लिए ही चिन्ताजनक है। इसे नहीं सुधारा गया तो अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी को आधी सीटें लाना भी संभव नहीं होगा। कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण ही निकाय चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने संघ के वरिष्ठों को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों के अनुरूप कमियों को दूर करते हुए कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की जाएगी।
संगठन को कसने की हिदायत
प्रदेश भाजपा के क्रियाकलापों पर कड़ा रुख अपनाते हुए संघ ने कहा कि पिछले 9 माह से संगठन का काम ठप पड़ा है और कार्यकर्ता उदासीन हैं। इस दरम्यान संगठन के कार्यक्रम निचले स्तर पर फ्लाप साबित हुए। कई जिलों में बगावत की स्थिति है। युवा कार्यकर्ता भाजपा पदाधिकारियों की बात सुनने को तैयार नहीं है। पार्टी में भाई-भतीजावाद बढ़ता जा रहा है। संगठन पर पूंजीपतियों के प्रभाव बढऩे की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। संघ ने इस संदर्भ में जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय को अपनी नयी टीम बनाकर संगठन को कसने की हिदायत दी, वही महामंत्री संगठन सुनील बंसल को कार्यकर्ताओं की उपेक्षा दूर करने का निर्देश दिया। संघ ने कहा कि पार्टी कार्यालयों में कार्यकर्ताओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें तथा हर संभव प्रयास हो कि उनके यथोचित कामों का निपटारा हो जाए।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर कठोर फैसला लें
दिल्ली से आए संघ के एक वरिष्ठ ने राज्य के कई मंत्रियों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री से गंभीर निर्णय लेने को कहा। संघ के वरिष्ठ का कहना था कि दिल्ली में मंत्रियों के ज्यादातर भ्रष्टाचार की खबरें यूपी की ही है। संघ ने ऐसे मंत्रियों को चिन्हित कर पहले उन्हें चेतावनी देने और सुधार न होने पर मंत्रिमंडल से हटाने का निर्देश दिया। बैठक में किसी ऐसे मंत्री का नाम नहीं लिया गया परन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मुद्दे पर कड़ा निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। संघ ने सरकार के कामकाज में संगठन के हस्तक्षेप की कुछ खबरों को गंभीर बताते हुए कहा कि संगठन पदाधिकारी अपने दायित्वों का ही निर्वहन करें।