Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक में ब्रॉंज मेडल जीतने वाले अमन सेहरावत का PM मोदी से वादा, अगली बार जीतूंगा गोल्ड

Paris Olympic 2024: भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में कुश्ती में कांस्य पदक दिलाने के बाद कुश्ती खिलाड़ी अमन सेहरावत ने प्रधानमंत्री मोदी से किया गोल्ड लाने का वादा

Report :  Kalpesh Kalal
Update: 2024-08-11 06:21 GMT

Paris Olympic 2024 (Source_Social Media)

Paris Olympic 2024: फ्रांस की राजधानी पेरिस में खेले गए खेल के सबसे बड़े महाकुंभ ओलंपिक का समापन होने जा रहा है। पेरिस ओलंपिक में पूरे विश्व भर के एथलीट्स पिछले करीब 17 दिनों से अपना जोर दिखा रहे थे। जिसमें से भारत के भी 117 एथलीट इस खेल महाकुंभ में शामिल थे। जिसमें से भारत के खाते में 6 मेडल आए। भारत ने इस ओलंपिक में 1 सिल्वर और 5 कांस्य पदक अपने नाम किए। इनमें से एक पदक हमारे देश के युवा पहलवान अमन सेहरावत ने दिलाया। अमन ने कुश्ती में कांस्य पदक अपने नाम किया।

अमन को कांस्य पदक जीतने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी बधाई

अमन सेहरावत ने शुक्रवार की रात को कुश्ती के पुरुष वर्ग में 57 किलोग्राम इवेंट में जबरदस्त खेल दिखाते हुए तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य पदक जीता। 21 साल के अमन ओलंपिक में इस पदक के साथ ही वो देश के लिए ओलंपिक के इतिहास में मेडल जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। हरियाणा के अमन सेहरावत को इसके बाद पूरे देश से बधाईयां मिल रही है, जिसमें से एक नाम हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी रहा, जिन्होंने पेरिस में अमन को फोन लगाकर बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने अमन को कहा, आप को हमारे देश के प्रेरणादायक

पेरिस ओलंपिक में ब्रॉंज मेडल जीतने के बाद अमन सेहरावत को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन कर जीत के लिए बधाई दी। नरेन्द्र मोदी ने अमन से कहा कि, आपका जीवन देश के लिए प्रेरणादायक है। इस पर अमन ने प्रधानमंत्री ने शुक्रिया अदा करते हुए अगले ओलंपिक में गोल्ड मेडल देश को दिलाने का वादा किया।

अमन ने पीएम मोदी से किया वादा, अगले ओलंपिक में जीतूंगा गोल्ड

अमन ने फोन कॉल पर पीएम मोदी से कहा कि, "मुझे अपने देश के लिए मेडल जीते हुए काफी समय हो गया था। मैं 2028 में देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतूंगा। इस बार भी मेरा लक्ष्य गोल्ड था, लेकिन ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा। मैं अगली बार सपना जरूर पूरा करूंगा।" अमन सेहरावत हरियणा के झज्जर जिले के एक छोटे से गांव से तालुक्क रखते हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को सिर्फ 10 साल की उम्र में ही खो दिया था। लेकिन जुनून और जज्बे से आज यहां तक पहुंचे।

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