BCCI नहीं करेगा टेस्ट मैच का आयोजन, Pink Ball Test Match पर क्रिकेट बोर्ड का बड़ा फैसला

BCCI on Pink Ball Test Match: टीम इंडिया ने अब तक विदेश में केवल एक ही पिंक बॉल टेस्ट मैच खेला है। भारत में गुलाबी गेंद टेस्ट मैच देर में प्रवेश किया है।

Update:2023-12-11 12:51 IST

BCCI on Pink Ball Test Match (Pic Credit-Social Media)

BCCI on Pink Ball Test Match: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) फिलहाल पिंक गेंद वाले टेस्ट की मेजबानी में दिलचस्पी नहीं लें रहा है। मेन्स और वूमेंस दोनों टीमों के डोमेस्टिक शेड्यूल के अनुसार, एक भी दिन-रात का टेस्ट मैच निर्धारित नहीं किया गया है। जिसमें 2024 की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ ही सिर्फ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज को शामिल  किया गया है। टीम इंडिया ने घरेलू सरजमीं पर केवल 3 डे-नाइट टेस्ट खेले हैं, जिनमें से आखिरी मैच बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम(M chinnaswamy Stadium) में श्रीलंका के खिलाफ था।

भारत ने 5 साल देर से गुलाबी टेस्ट मैच में किया प्रवेश

टीम इंडिया ने अब तक विदेश में केवल एक ही पिंक बॉल टेस्ट मैच खेला है। भारत ने यकीनन गुलाबी गेंद टेस्ट मैच देर में प्रवेश किया, बाकी देशोंं की तुलना में थोड़ा देर से शुरू किया। पहला डे-नाइट टेस्ट 2015 में भारतीय टीम ने खेला था और मेन इन ब्लू को मैदान में उतरने में लगभग पांच साल का समय लगा। घर से दूर भारतीय टीम का पहला गुलाबी गेंद टेस्ट एडिलेड ओवल में 2020-21 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की श्रृंखला के उद्घाटन के दौरान खेला गया। 

महज 3 दिन में समाप्त हुआ पिंक बॉल टेस्ट

अपने पहले पिंक बॉल टेस्ट मैच में टीम इंडिया दूसरी पारी में महज 36 रन पर आउट हो गई और अंत में 8 विकेट से मुकाबला हार गई। 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ मेन इन ब्लू के पहले गुलाबी गेंद टेस्ट की तरह, 2022 में श्रीलंका के खिलाफ प्रतियोगिता भी तीन दिनों में समाप्त हो गई। 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ गुलाबी गेंद का टेस्ट भी प्रतिस्पर्धी नहीं था, जिसमें भारत ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 10 विकेट से मुकाबला जीता था।

मौसम की परिस्थितियां टेस्ट मैच के लिए रूकावट 

अपनी टर्न क्षमता के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध न होने के बावजूद, गुलाबी गेंद उपमहाद्वीप की मौसम की परिस्थितियों में एक घातक हथियार रही है। तेज गेंदबाजों को इससे मूवमेंट मिला है, जबकि स्पिनरों को सतह पर अतिरिक्त मौका मिला है, जिससे बल्लेबाजों को खेलते समय अक्सर दुविधा में रहना पड़ता है। मैचों की निराशाजनक प्रकृति ने BCCI को फिलहाल गुलाबी गेंद वाले टेस्ट मैच पर रोक लगाने के लिए प्रेरित किया है

लोगों की दिलचस्पी से परे है पिंक बॉल टेस्ट 

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने मुंबई में 2024 WPL नीलामी के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा: फैंस की रुचि नहीं है, और हमें गुलाबी गेंद वाले टेस्ट में उनकी रुचि का स्तर बढ़ाना होगा। हमें गुलाबी गेंद टेस्ट के लिए जनता में दिलचस्पी बढ़ानी होगी। अगर आपको याद हो तो (गुलाबी गेंद) टेस्ट दो-तीन दिन में खत्म हो जाते थे। हर कोई चार-पांच दिनों तक चलने वाला टेस्ट मैच देखना चाहता है।" एक बार जब उन्हें इसकी आदत हो जाएगी, तो हम और अधिक गुलाबी गेंद से टेस्ट करेंगे।'' उन्होंने आगे कहा, "पिछली बार यह ऑस्ट्रेलिया में खेला गया था, उसके बाद से किसी ने भी ऐसा नहीं किया है। हम इंग्लैंड के साथ बातचीत कर रहे थे, लेकिन हम इसे धीरे-धीरे आगे बढ़ाएंगे।"

जहां तक महिला टीम का सवाल है, उनका एकमात्र गुलाबी गेंद टेस्ट मैच 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैरारा, क्वींसलैंड में खेला गया था, जो ड्रॉ पर समाप्त रहा था।


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