पुलिसवाले के कहने पर अली बने थे बॉक्सर, नदी में फेंका था गोल्ड मेडल

Update:2016-06-04 14:14 IST

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लखनऊ: बॉक्सिंग की दुनिया के चैंपियन रह चुके बॉक्सर मुहम्मद अली ने शनिवार को हमेशा के लिए अपनी आखें बंद कर ली। वे 74 साल के थे और काफी दिनों से बीमार भी चल रहे थे। बताया जा रहा कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी। वर्ल्ड चैम्पियन इस बॉक्सिंग लेजेंड को गुरुवार को फीनिक्स के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

नाराज अली ने फेंक दिया था गोल्ड मेडल-

-1960 के रोम ओलंपिक में एक रेस्टोरेंट में किसी ने उन पर नस्ली कमेंट कर दिया था।

-इस बात से अली इतना नाराज हुए थे कि उन्होंने अपना गोल्ड मेडल ओहियो नदी में फेंक दिया था।

-फिर इसके बाद उन्हें यही गोल्ड मेडल 1996 में अटलांटा ओलंपिक के दौरान दोबारा दिया गया।

कब हुआ था इनका जन्म

-मुहम्मद अली का जन्म 17 जनवरी 1942 को अमेरिका के लुईसविले में हुआ था।

-उनकी फैमिली के अनुसार, अली का फ्यूनरल भी उनके होम टाउन लुईसविले में होगा।

हार गए थे 32वीं फाइट

-अली 20वीं सेन्चुरी के सबसे महान बॉक्सर माने जाते हैं। पूरी 31 फाइट के बाद पहली बार वे रिंग में हारे थे। इससे पहले वे अपनी सारी फाइट जीते थे।

-उन्हें हराने वाले जोसेफ विलियम फ्रेजर थे।

-यह फ्रेजर की लगातार 27वीं जीत थी। उस फाइट के बारे में किसीने भी नहीं सोचा कि अली हार जाएंगे, लेकिन फ्रेजर ने कर दिखाया।

आगे की स्लाइड्स में पढ़िए, कैसे यादगार बनी 1971 की वो फाइट...

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बन गई यादगार 8 मार्च, 1971 की वो फाइट

-बताया जाता है कि फ्रेजर और अली ने कई फाइट्स लड़ीं। पर 8 मार्च, 1971 को अमेरिका के मेडिसन स्क्वेयर गार्डन रिंग में लडी गई फाइट सबसे यादगार फाइट बनी।

-दुनियाभर में सबकी की निगाहें टीवी पर टिकी हुई थीं। मेडिसन स्क्वेयर हजारों दर्शकों से पटा हुआ था।

-सबकी जुबान पर दो ही नाम थे- फ्रेजर और मुहम्मद अली। बता दें कि मुहम्मद अली 1960 में लाइटवेट वर्ल्ड हैवीवेट चैम्पियन रह चुके थे।

-फ्रेजर ने 1964 में हैवीवेट चैंपियनशिप का टाइटल अपने नाम दर्ज कराया था।

फाइट के चलते होना पड़ा था हॉस्पिटल में भर्ती

-5 राउंड तक चले मुकाबले असर यह हुआ कि मुहम्मद अली और फ्रेजर दोनों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

-इस फाइट को सदी की सर्वश्रेष्ठ फाइट कहा जाता है। मुहम्मद अली ने इस हार का बदला 1974 में लिया।

-फ्रेजर को 28 जनवरी, 1974 को 12 राउंड तक चली फाइट में हराया।

पुलिसवाले के कहने पर बने थे बॉक्सर

-1954 में 12 साल के मुहम्मद अपनी साइकिल चोरी हो गई थी।

-नाराज मुहम्मद पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे और उन्होंने साइकिल ढूंढने में मदद मांगी।

-उन्होंने पुलिस से कहा- "मैं चोर से बदला लेना चाहता हूं।"

-उस पुलिस वाले ने मुहम्मद से कहा- 'बेटा, उसके लिए तुम्हें बॉक्सिंग सीखनी होगी।'

-बस फिर क्या था मुहम्मद ने जिम जाना शुरू किया और बाद में महान बॉक्सर मुहम्मद अली बने।

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