यूपी की खेल बिरादरी, आप से ये बाक्सिंग बेटी मांग रहीं है मदद

प्रतिभा दम तोड़ दे इसके पहले उसे संबल मिल जाय तो वो इतिहास बन जाती है।कानपुर की इस बेटी को भी इस सहयोग की जरूरत है। यूपी की खेल विरादरी इस उभरते हुए खिलाड़ी की मदद कर दे तो प्रदेश में खेल के माहौल में आत्मविश्वास बढ़ जाएगा।आज इस मुक्केबाज को आपकी जरूरत है कल ये अपने जैसे हजारों की मदद करने लायक हो जाएगी।बेहद गरीब परिवार की यह बेटी

Update: 2018-01-29 09:27 GMT
यूपी की खेल बिरादरी, आप से ये बाक्सिंग बेटी मांग रहीं है मदद

कानपुर:प्रतिभा दम तोड़ दे इसके पहले उसे संबल मिल जाय तो वो इतिहास बन जाती है।कानपुर की इस बेटी को भी इस सहयोग की जरूरत है। यूपी की खेल विरादरी इस उभरते हुए खिलाड़ी की मदद कर दे तो प्रदेश में खेल के माहौल में आत्मविश्वास बढ़ जाएगा।आज इस मुक्केबाज को आपकी जरूरत है कल ये अपने जैसे हजारों की मदद करने लायक हो जाएगी।बेहद गरीब परिवार की यह बेटी बाक्सिंग में अपने पैरेंट्स का नाम रोशन कर रही है बल्कि अपने शहर व् देश का भी नाम रोशन कर रही है।

इस बाक्सिंग प्लेयर की मां ने बेटी को गोवा में होने वाली प्रतियोगिता में भेजने के लिए अपना मंगल सूत्र तक गिरवी में रखा दिया था । बेटी गोवा गई और वहां से गोल्ड मैडल जीत कर लाइ ।इस गोल्ड मैडल के साथ मलेशिया में होने वाली प्रतियोगिता में क्वालीफाई कर लिया है। अब परिवार के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि बेटी को मलेशिया भेजने के लिए रुपये कहां से जुटाएंगेl इसके बाद भी उसके पैरंट्स ने हिम्मत नहीं हारी है उनका कहना है कि मेरी बेटी मलेशिया जाएगी।

यूपी की खेल बिरादरी, आप से ये बाक्सिंग बेटी मांग रहीं है मदद

नौबस्ता आवास विकास हंसपुरम में रहने वाले राजेश कुमार सिंह मजदूरी करते है और परिवार में पत्नी सुनैना बड़े बेटे अंकित बेटी दीक्षा व छोटे बेटे अंशु के साथ यहां रहते हैं। दीक्षा 10 वीं क्लास की छात्रा है और उसे स्कूल से बाक्सिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। उसकी लगन और कड़ी मेहनत रंग भी लाने लगी, दीक्षा के पास बाक्सिंग प्रैक्टिस के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं है। वह प्लास्टिक की बोरी में बालू भर कर हाथ में ग्लव्स पहन कर कई-कई घंटे तक प्रैक्टिस करती है। दरसल दीक्षा का परिवार बहुत ही गरीब है किसी तरह से उनके परिवार का खर्चा चलता है l

दीक्षा की मां सुनैना के मुताबिक मेरी बेटी बाक्सिंग में अपना कैरियर बनाना चाहती है। उसके सपनो की उड़ान में मैं पंख लगाउंगी,उन्होंने बताया कि मेरे परिवार में सभी बच्चे पढ़ने वाले हैं,उनकी स्कूल की फीस भी समय से जमा नही हो पाती हैए इसके बाद घर का खर्च भी बहुत ही मुस्किल से चलता है।

उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2017 में दीक्षा को गोवा जाना बाक्सिंग प्रतियोगिता में जाना था। वहा जाने के लिए लगभग 15 हजार रुपये का खर्च था ,हमारे पास इतना रुपया नही था कि बेटी को गोवा भेज सकू। परिवार की हालात देख कर दीक्षा भी मायूस हो गई ,लेकिन उसकी मायूसी मुझसे देखी नहीं गई ,मैंने अपना मंगलसूत्र गिरवी रख दिया। मंगलसूत्र गिरवी रखने पर मुझे 14 हजार रुपये मिले मैंने एक हजार रूपए अपने पास से मिलाकर बेटी को गोवा भेजा। दीक्षा ने वहां जब गोल्ड मैडल जीता तो मेरा परिवार सभी गम भूल गया। मुझे अपना मंगल सूत्र गिरवी रखने का जरा भी मलाल नही रहा लेकिन अभी तक मै अपना मंगलसूत्र वापस नही ले सकी हूं।

यूपी की खेल बिरादरी, आप से ये बाक्सिंग बेटी मांग रहीं है मदद

उन्होंने बताया कि दीक्षा का चयन इंटर नेशनल प्रतियोगिता के लिए हुआ है उसे मलेशिया जाना है। मलेशिया जाने में लगभग 60 से 70 हजार रुपये का खर्च है ,हमारे पास इतनी बड़ी रकम नही है की बेटी को मलेशिया भेज सकूं। हमने अपने कुछ रिश्तेदारों से मदद करने के लिए कहा है। यदि वह रुपये दे देते है तो बेटी को खेलने के लिए मलेशिया भेजूंगी।

दीक्षा ने बताया कि मेरी इस सफलता के पीछे मेरे मम्मी पापा का हाथ है। उन्होंने ने बड़ी मुस्किलों से हमारा पालन पोषण किया है। माँ ने अपने जेवर तक गिरवी रख दिया है, अपने पैरेंट्स की यह लगन देख कर मेरा खेलने का जूनून दोगुना हो जाता है। यही वजह है कि मैने हारना नही सिर्फ जीतना सीखा है मेरी यही ख्वाइस है कि मै देश के लिए खेंलू और देख का नाम रोशन करू।

दीक्षा ने बताया कि स्कूल में मै स्पोर्ट्स के दौरान बाक्सिंग से लगाव हो गया, मै 29 जुलाई 2017 को झांसी के ध्यानचन्द्र स्टेडियम में यूपी एमैच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन प्रतियोगिता में सबसे पहले सिल्वर मैडल जीता था।

इसके बाद 2017 में अक्तूबर में गोवा के पणजी में युनाईटेड इण्डिया गेम्स एसोसिएशन की तरफ से राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता था। इसके बाद नवम्बर 2017 में बिहार के समस्तीपुर में स्कूल गेम्स एंड एक्टिविटी एसोसिएशन ऑफ़ इण्डिया बाक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीता l इसके बाद 25 दिसंबर 2017 रांची के खेल गाँव में हुए रूलर गेम्स नेशनल फेडरेशन कप की बाक्सिंग प्रतियोगिता में भी गोल्ड मैडल जीता। यहीं से मेरा अंतर राष्ट्रीय बाक्सिंग प्रतियोगिता के लिए चयन हो गया। मुझे 25 से 28 मई के बीच होने वाली इस प्रतियोगिता के लिए मलेशिया जाना है।

दीक्षा ने बताया कि मै रोजाना सुबह शाम घर पर ही इसकी प्रैक्टिस करती हूं।प्लास्टिक की बोरी में बालू भर कर प्रक्टिस करती हूं। इसमें स्कूल के टीचर नरेश सिंह मेरी मदद करते है। वह मुझे बॉक्सिंग के दांव पेच सिखाते है।

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