FIFA World Cup 2022: कतर में छाया भारतीय जूता!

FIFA World Cup 2022: भारतीय कलाकार और मूर्तिकार एम. दिलीफ़ ने टूर्नामेंट से पहले दोहा में एक विशाल फ़ुटबॉल क्लैट जूता बनाया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-11-19 15:29 IST

FIFA World Cup 2022 (photo: social media )

 FIFA World Cup 2022: हर फीफा वर्ल्ड कप की तरह कतर में होने वाला इवेंट भी वास्तव में एक ग्लोबल इवेंट है, उन देशों के लिए भी जो कोई मैच नहीं खेलेंगे। भले ही फीफा वर्ल्ड कप के सौ साल के इतिहास में भारत कोई जगह न बना पाया हो लेकिन कतर में एक भारतीय कलाकार द्वारा बनाया गया जूता सबकी नजरों का आकर्षण बन गया है।

भारतीय कलाकार और मूर्तिकार एम. दिलीफ़ ने टूर्नामेंट से पहले दोहा में एक विशाल फ़ुटबॉल क्लैट जूता बनाया है। फाइबर, चमड़ा, फोम शीट और ऐक्रेलिक शीट सहित सामग्रियों से बना ये जूता 17 फीट लंबा, सात फीट ऊंचा और करीब 500 किलो वजनी है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा फुटबॉल जूता माना जा रहा है। दरअसल ये एक ऐसा रिकॉर्ड जो वर्तमान में मौजूद ही नहीं है।

दोहा में कटारा कल्चरल विलेज में स्थित ये जूता निश्चित ही बड़ी संख्या में प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित करेगा। द पेनिनसुला के साथ एक साक्षात्कार में दिलीफ ने कहा कि वह चाहते हैं कि ये बूट विश्व कप में भारत के प्रतिनिधित्व के रूप में काम करे। दिलीफ़ के अनुसार, वह मानते हैं कि कतर विश्व कप की मेजबानी के आधार पर सभी सांस्कृतिक विविधताओं को गले लगाता है। दिलीफ़ ने कहा, सभी देश यहां इकट्ठा हो रहे हैं। यह एक ऐसा अवसर है जो देशों की सीमाओं को धुंधला कर देता है। राष्ट्र, जाति, भूमि और भाषा की सीमाएं मिट गई हैं। दुनिया के सभी लोग यहां एक साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह विश्व कप मानवता को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।"

कतर को विदेशियों और प्रवासियों के लिए एक विशाल आकर्षण के रूप में जाना जाता है। क़तर के 30 लाख लोगों में से लगभग एक चौथाई भारतीय हैं, जो कतरियों सहित किसी भी समुदाय का सबसे बड़ा हिस्सा है। विश्व कप की तैयारियों में भारत, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के प्रवासी श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। पिछले एक दशक में इन श्रमिकों को विश्व कप के बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम सौंपा गया था। हालाँकि, कई रिपोर्टों ने इसके मूल में एक मानवीय संकट का खुलासा किया है। द गार्जियन ने 6,500 से अधिक मौतों की खबर दी है। अखबार के अनुसार फुटबाल से सम्बंधित निर्माण कार्यों के लिए लगाए गए श्रमिकों की तुलना "आधुनिक समय की गुलामी" से की गई है, जिसमें कई श्रमिक और उनके परिवार घायल हो गए, कर्ज में डूब गए या मर गए।

92 साल का सूखा जारी

भारत ने ब्राजील में 1950 के विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन बाद में वापस ले लिया। इसकी वजह कई थीं जिसमें यात्रा का खर्चा, 1952 के ओलंपिक खेलों पर ध्यान केंद्रित करने की इच्छा और फीफा द्वारा अपनी टीम को नंगे पैर खेलने से इनकार करने की रिपोर्ट शामिल थी।

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