MS Dhoni Birthday: बल्लेबाजी से लेकर कप्तानी तक में धोनी ने दिखाया कमाल,तीन ICC ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते भारतीय कप्तान
MS Dhoni Birthday: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का सिक्का जमाने में धोनी की बहुत बड़ी भूमिका रही है और यही कारण है कि लोगों में आज भी धोनी के प्रति जबर्दस्त क्रेज बना हुआ है।
MS Dhoni Birthday: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद क्रिकेट फैंस के चहेते स्टार बने हुए हैं। धोनी ने 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था मगर इसके बावजूद उनके प्रति लोगों में आज भी दीवानगी बनी हुई है। धोनी टीम इंडिया को तीन आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले इकलौते भारतीय कप्तान हैं। यह रिकॉर्ड आज भी कायम है। 2004 में इंटरनेशनल करियर शुरू करने वाले धोनी आज अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट,टी20 और वनडे फॉर्मेट में कमाल का प्रदर्शन करने वाले धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को पांच बार आईपीएल चैंपियन बना चुके हैं। उन्हें दुनिया के बेस्ट फिनिशर खिलाड़ियों में गिना जाता रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का सिक्का जमाने में धोनी की बहुत बड़ी भूमिका रही है और यही कारण है कि लोगों में आज भी धोनी के प्रति जबर्दस्त क्रेज बना हुआ है।
तीन ICC ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते कप्तान
धोनी ने कप्तान के तौर पर टीम इंडिया को नई बुलंदियों पर पहुंचाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। टीम इंडिया के कप्तान के रूप में धोनी ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की। वे टीम इंडिया को तीन आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले अकेले कप्तान हैं। धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को उद्घाटन सीजन 2007 में ही आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप विजेता बनाया।इसके बाद 2011 में भारत में आयोजित आईसीसी वनडे वर्ल्ड विजेता बनाने से पहले टेस्ट में भी भारत को नंबर-1 टीम बनाया और टीम को टेस्ट में गदा दिलाई। अंत में धोनी ने 2013 में अपनी कप्तानी में भारत को चैंपियंस ट्रॉफी विजेता भी बनाया। धोनी की कप्तानी में ही टीम इंडिया ने पहली बार टी 20 विश्व कप जीता था और अब 17 साल बाद टीम इंडिया को रोहित शर्मा की कप्तानी में टी 20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाबी मिली है।
कप्तान के रूप में धोनी का करियर
धोनी ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के ज़रिए की थी। धोनी ने टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए बतौर कप्तान 60 मैच खेले हैं, जिसमें टीम ने 27 में जीत दर्ज की और 18 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा वनडे में धोनी ने टीम इंडिया के लिए 200 मैचों की कप्तानी की, जिसमे भारतीय टीम ने 110 मैच जीते और 74 गंवाए।यदि टी20 इंटरनेशनल की बात की जाए तो इस फॉर्मेट में धोनी टीम इंडिया के लिए 72 मैचों में बतौर कप्तान खेले, जिसमें टीम 42 मैचों में विजयी रही और टीम को 28 मैचों में हार मिली।
धोनी की शानदार उपलब्धियां
धोनी ने 2004 से 2019 तक करीब 15 वर्षों के दौरान टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान धोनी ने 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। टेस्ट की 144 पारियों में उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए।इसके अलावा वनडे में उन्होंने 50.57 की औसत से 10773 रन जोड़े। वहीं टी20 इंटरनेशनल में धोनी ने 37.60 की औसत और 126.13 के स्ट्राइक रेट से 1617 रन बनाए। इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के दौरान धोनी ने कुल 16 शतक और 108 अर्धशतक जड़ने मैं कामयाबी हासिल की।
धोनी इस तरह बन गए बेस्ट फिनिशर
इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के दौरान धोनी को बेस्ट फिनिशर माना जाता था। खासकर वनडे और टी 20 में वे ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। यदि टी-20 मुकाबलों के आखिरी ओवर में धोनी का रिकॉर्ड देखा जाए तो वे 121 गेंदों पर 323 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 26 चौके और 26 छक्के जड़े हैं। टी20 के आखिरी ओवर में धोनी का स्ट्राइक रेट 266.94 रहा है।यदि आईपीएल के बीसवें ओवर की बात की जाए तो धोनी अभी तक आखिरी ओवर में 637 रन बना चुके हैं। अभी तक खेले गए आईपीएल के आखिरी ओवर के मुकाबलों में धोनी ने 51 छक्के जड़े हैं और अपनी टीम को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। आईपीएल के आखिरी ओवर में धोनी का स्ट्राइक रेट 244 रहा है। धोनी के स्ट्राइक रेट से समझा जा सकता है कि आखिरी ओवर में वे कितना रौद्र रूप धारण कर लेते हैं।
विश्व कप में दिलाई थी यादगार जीत
सबसे बेहतरीन फिनिशिर के रूप में जाने जाने वाले धोनी ने यह मुकाम यूं ही नहीं हासिल किया है। मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने वाले धोनी अपनी विस्फोटक पारी से टीम इंडिया को कई बार मैच जीता चुके हैं। पूरे धैर्य और संयम के साथ बल्लेबाजी करने वाले धोनी से टीम को आखिरी बॉल तक पूरी उम्मीद बनी रहती है। कई बार जब मैच पूरी तरह फंस जाता है तब धोनी मैदान पर जाकर अपना रंग दिखाते हैं और टीम को अविश्वसनीय जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला तो क्रिकेट फैंस को आज तक याद है। धोनी ने 2 अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए विश्व कप के फाइनल मुकाबले में नवीन कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाया था। इस फाइनल मुकाबले के बाद से ही धोनी के गिनती क्रिकेट के बेस्ट फिनिशरों में होती रही है।
त्रिकोणीय सीरीज में भी बनाया था चैंपियन
त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल मुकाबले में भी धोनी अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवा चुके हैं। श्रीलंका की टीम ने भारत को 202 रनों का लक्ष्य दिया था और माना जा रहा था कि टीम इंडिया आसानी से यह फाइनल मुकाबला जीत लेगी मगर श्रीलंका ने मैच फंसा दिया था। आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 15 रनों की जरूरत थी और टीम इंडिया का सिर्फ एक ही विकेट बचा था। ऐसी संकटपूर्ण परिस्थिति में धोनी ने आखिरी ओवर में दो छक्के और एक चौका लगाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। इस तरह धोनी की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत भारत फंसा हुआ मैच जीतकर त्रिकोणीय सीरीज में चैंपियन बना था।
ग्रेग चैपल ने बताया था बेस्ट फिनिशर
दिग्गज क्रिकेटर और टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने भी धोनी को दुनिया के बेस्ट फिनिशर की संज्ञा दी थी। चैपल का मानना है कि निश्चित रूप से धोनी भारत के सबसे ज्यादा उत्सुकता पैदा करने वाले क्रिकेटर रहे हैं। वे गेंद को सबसे कम उपयोग में लाई जाने वाली पोजीशन से हिट करते हैं।
चैपल के मुताबिक मैंने जितने भी बल्लेबाजों को बैटिंग करते देखा है, उनमें निश्चित रूप से धोनी सबसे ज्यादा ताकतवर है। चैपल के अलावा दुनिया के कई मशहूर क्रिकेटर भी धोनी की बल्लेबाजी के मुरीद रहे हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद क्रिकेट फैंस आज तक धोनी को भुला नहीं सके हैं।