यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतक पर तारीफ करने वालों को गौतम गंभीर ने दी ये बड़ी चेतावनी! पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Yashasvi Jaiswal Gautam Gambhir: भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने उन्हें इस उपलब्धि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए बड़ा बयान दिया है

Update:2024-02-03 21:58 IST

Yashasvi Jaiswal Gautam Gambhir (photo. Social Media)

Yashasvi Jaiswal Gautam Gambhir: विशाखापत्तनम टेस्ट मैच में दूसरे दिन की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट में यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने दोहरा शतक जड़ा। क्रिकेट जगत में यशस्वी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की हर कोई मुक्तकंठ से प्रशंसा करना बंद नहीं कर सका है। लेकिन, भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने उन्हें इस उपलब्धि को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि अपेक्षाओं के बढ़ते बोझ से उनके स्वाभाविक खेल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने क्रिकेटर के प्रदर्शन की भी तारीफ की है।

गौतम गंभीर की यशस्वी पर बड़ी प्रतिक्रिया!

आपको बताते चलें कि पहले दिन के अंत में 179 रन पर नाबाद रहने के बाद, उन्होंने अपने पहले दिन के स्कोर को आगे बढ़ाकर 290 गेंदों पर 209 रन के ऐतिहासिक स्कोर में बदल दिया। जिससे भारत पहली पारी में 396 रन पर ऑल आउट हो गया। इस प्रकार यशस्वी जायसवाल टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के भारतीय और 2009 के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले बाएं हाथ के पहले बल्लेबाज बन गए। उनसे पहले पूर्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यशस्वी जायसवाल की रिकॉर्ड उपलब्धि के कुछ घंटों बाद पीटीआई से बात करते हुए गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने विश्व क्रिकेट से यशस्वी पर टैग का बोझ न डालने और उसे खेल का आनंद लेने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मैं इस युवा खिलाड़ी को उसकी उपलब्धि के लिए बधाई देना चाहता हूं, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं हर किसी से कहना चाहता हूं कि इस युवा खिलाड़ी को खेलने दें।”

उन्होंने अपने बयान को जारी रखते हुए आगे कहा, “हमने अतीत में देखा है कि भारत में हमारी आदत है, खासकर मीडिया की, अपनी बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की रही है। उपलब्धियां हासिल करें और उन्हें टैग दें और उन्हें हीरो की तरह दिखाएं। उम्मीदों का दबाव उन पर हावी हो जाता है और खिलाड़ी अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पाते। उन्हें आगे बढ़ने दें और अपने क्रिकेट का आनंद लेने दें।”

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