MS Dhoni: एमएस धोनी के धुर विरोधी रहे गौतम गंभीर ने अब कह दी धोनी के लिए दिल छू लेने वाली बात, पूर्व कप्तान के फैन हो जाएंगे खुश

MS Dhoni: भारतीय क्रिकेट टीम में महेन्द्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर कईं साल तक एक साथ खेले। दोनों ने अपनी बेहतरीन साझेदारी के दम पर 2011 के वर्ल्ड कप का फाइनल मैच जीताया था।

Report :  Kalpesh Kalal
Update:2023-11-22 12:41 IST
MS Dhoni & Gautam Gambhir (Source_Social Media)

MS Dhoni: भारतीय क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इस दिग्गज खिलाड़ी का टीम इंडिया में बतौर कप्तान के साथ ही बतौर बल्लेबाज और विकेटकीपर भी बहुत ही अहम योगदान रहा है। महेन्द्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट टीम का ना जानें कितनी ही उपलब्धियां हासिल करवायी है। लेकिन उनके साथ खेले पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर अक्सर ही एमएस धोनी की आलोचना करते रहते हैं। गंभीर ने कईं बार पब्लिकली भी धोनी की जमकर आलोचना की है।

महेन्द्र सिंह धोनी को लेकर गंभीर ने कही दिल छू लेने वाली बात

अपने बेबाक बोल से हमेशा ही धोनी के खिलाफ बयान देने वाले गौतम गंभीर के इस बार सूर पूरी तरह से बदले-बदले नजर आए। धोनी के धूर विरोधी रहे गौतम गंभीर ने अपने करियर में इस बार पूर्व कप्तान को सबसे अच्छा पार्टनर करार दिया है। इस बयान के सामने आने के बाद एमएस धोनी के फैंस को यकिन तक नहीं हो रहा होगा, लेकिन ये सच है जहां गौतम गंभीर ने महेन्द्र सिंह धोनी को लेकर दिल छू लेने वाली बात कही है।

गंभीर ने कहा, धोनी रहे हैं मेरे सबसे अच्छे पार्टनर

गौतम गंभीर अक्सर ही बेबाकी रूप से अपनी बातें रखते हैं। इस बार उन्होंने महेन्द्र सिंह धोनी को लेकर अपने मन में जो बात थी, उसे सारी दुनिया के सामने रख दिया। गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए कहा कि, “मेरे पसंदीदा क्रिकेट पार्टनर एमएस धोनी थे। लोग सोचते हैं कि मेरे पसंदीदा पार्टनर वीरेंद्र सहवाग थे, लेकिन मुझे वास्तव में धोनी के साथ खेलना ज्यादा पसंद था, खासकर सफेद गेंद वाले क्रिकेट में।”


गौतम हुए एमएस धोनी की कप्तानी के कायल

इसके बाद इस पूर्व दिग्गज खब्बू सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा कि, “धोनी अगर नंबर 3 पर बैटिंग करते तो मुझे भरोसा है कि वह कई वनडे रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। लोग एक कप्तान के रूप में धोनी की उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं, जो सही है। लेकिन मुझे लगता है कि कप्तानी के कारण उन्होंने अपने अंदर के बल्लेबाज का त्याग कर दिया और वह अपने बल्ले से और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते थे, जो उन्होंने नहीं किया। और ऐसा तब होता है जब आप कप्तान होते हैं क्योंकि तब आप टीम को आगे रखते हैं और अपने बारे में भूल जाते हैं। उन्होंने नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी की। धोनी कप्तान नहीं होते, तो वह नंबर 3 के बल्लेबाज होते। और मुझे लगता है कि उन्होंने जितने रन बनाए उससे अधिक रन बना सकते थे और अधिक शतक भी बना सकते थे।”

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