नई दिल्ली: देश में खेले जा रहे आईसीसी टी-20 विश्वकप अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है। इस महासंग्राम में हिस्सा लेने वाली 10 टीमों में से छह की वापसी हो चुकी है। जबकि भारत, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड अभी भी अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं।
इस टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल बुधवार को न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में खेला जाएगा जबकि गुरुवार को दूसरे सेमीफाइनल में भारत के सामने वेस्टइंडीज की चुनौती होगी। यह मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होग। देखना यह है कि आखिर कौन सी टीम विजयी परचम लहराएगा। इस टूर्नामेंट का फाइनल 3 अप्रैल को कोलकाता के इडेन गार्डन में खेला जाएगा।
आइये इन महामुकाबलों से पहले टूर्नामेंट में इन चारों टीमों के प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
भारत:-
ग्रुप-बी में छह अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल करने वाली भारत का प्रदर्शन टूर्नामेंट में मिलाजुला रहा है। पहले मैच में भले ही उसे न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था लेकिन इसके बाद टीम ने बेहतरीन वापसी करते हुए ग्रुप मैचों के सभी मुकाबलों में जीत हासिल की थी। टीम ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया को हराकर यहां तक का सफर तय किया है।
कमजोर पक्ष- सभी मुकाबलों में टीम के दोनों सलामी बल्लेबाजों का असफल प्रदर्शन टीम के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। रोहित शर्मा चार मैचों में मात्र 45 रन बना सके हैं जिसमें 18 रन हाईएस्ट हैं।वहीँ शिखर धवन ने चार मैचों में 43 रन बनाए हैं।उनका हाईएस्ट रन 23 है।इसके अलावा सुरेश रैना भी किसी मैच में ज्यादा प्रभावशाली नहीं नजर आएं हैं।
मजबूत पक्ष- तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरने वाले विराट कोहली ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबको मंत्रमुग्ध कर लिया है। उनके अलावा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह ने भी कुछ मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है।टीम की सधी गेंदबाजी भी इस मुकाम में कई हद तक सार्थक साबित हुई है।
न्यूजीलैंड:-
न्यूजीलैंड की टीम आठ अंकों के साथ ग्रुप बी में पहले स्थान पर काबिज है।यह टीम मुकाबले में अभी तक एक भी मैच नहीं हारी है।भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया को रौंदकर अपनी दावेदारी मजबूत पेश की है। टीम के पूर्व खिलाड़ी ब्रैंडन मक्कुलम के संयास से बाद टीम की दावेदारी पर उंगलियां जरूर उठाई जा रही थी लेकिन टीम ने अपने प्रदर्शन से सबको चकाचौंध कर दिया है।
कमजोर पक्ष- टीम ने अभी तक भले ही सभी मुकाबले जीतें हैं लेकिन फिर भी टीम की तेज गेंदबाजी चिंता का विषय बनी हुई है। एडम मिल्ने और मिशेल मेक्लाघन किसी भी मुकाबले में अपनी छाप नहीं छोड़ सके हैं।
मजबूत पक्ष- मार्टिन गुप्टिल, केन विलियमसन, कॉलिन मुनरो और कोरी एंडरसन की इस टूर्नामेंट में विस्फोटक बल्लेबाजी ने टीम को अन्य टीमों से अलग बना दिया है। इस अलावा टीम के स्पिन गेंदबाज मिशेल सैंटर और इश सोढ़ी ने अपने प्रदर्शन ने विपक्षियों के सामने मुश्किलें पैदा की हैं।
वेस्टइंडीज:-
गत टी-20 विश्वकप विजेता वेस्टइंडीज की टीम ग्रुप ए में छह अंकों के साथ शीर्ष पर हैं।इस टूर्नामेंट में खेले गए चार मैंचों में टीम को तीन में जीत हासिल हुई है जबकि एक मैच में उसे एसोशिएट टीम अफगानिस्तान के हाथों हार मिली थी। हालांकि उसने इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और श्रीलंका जैसी मजबूत टीमों को धराशायी किया है।
कमजोर पक्ष- इस टूर्नामेंट में टीम के गेंदबाज कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। हालांकि सैमुअल बद्री और आंद्रे रसेल ने अपनी गेंदबाजी से कुछ मौकों पर विपक्षी टीम को परेशान जरूर किया है।
मजबूत पक्ष- अगर वेस्टइंडीज के मजबूत पक्ष की बात करें और क्रिस गेल का नाम न ले ये संभव नहीं। जी हाँ, टीम का सबसे मजबूत पक्ष हैं कि इस टीम में विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल हैं जो विपक्षी टीम के परखच्चे उड़ाने में सक्षम हैं। हालांकि इस टूर्नामेंट में आंद्रे फ्लेचर ने भी अपने विस्फोटक प्रदर्शन से काफी सुर्खियां बटोरी हैं। इसके अलावा आंद्रे रसेल और मार्लोन सैमुअल्स भी कई मौकों पर सार्थक साबित हुए हैं।
इंग्लैंड:-
ग्रुप ए में दूसरा स्थान हासिल करने वाली इंग्लैंड की टीम भी टूर्नामेंट की प्रबल दावेदार है। इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड को चार मैचों में तीन जीत और एक हार का सामना करना पड़ा है। इंग्लैंड को वेस्टइंडीज के हाथों हार मिली थी जबकि साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और अफगानिस्तान को टीम ने धराशायी किया।
कमजोर पक्ष- इस टीम की गेंदबाजी टूर्नामेंट में कुछ ख़ास नहीं रही है। डेविड विल्ली और किस जॉर्डन को छोड़ कोई भी गेंदबाज ज्यादा प्रभावित नहीं कर सका है। हालांकि ये दोनों गेंदबाज भी महंगे रहे हैं।
मजबूत पक्ष- इस टीम की मजबूती भी टीम की बल्लेबाजी ही रही है। टीम में जो रूट, और जोस बटलर की शानदार बल्लेबाजी से खासा प्रभावित किया है। इनके अलावा जैसन रॉय और इओन मॉर्गन ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।