Chinnaswamy Stadium को देख भावुक हुए KL Rahul,मजेदार किस्सा किया शेयर
KL Rahul Emotional Chinnaswamy Stadium: किसी भी खिलाड़ी के लिए उस जगह पर वापसी करना हमेशा ही खास होता है जहां से उसकी करियर परवान चढ़ना शुरू की हो।
KL Rahul Emotional Chinnaswamy Stadium: किसी भी खिलाड़ी के लिए उस जगह पर वापसी करना हमेशा ही खास होता है जहां से उसकी करियर परवान चढ़ना शुरू की हो। दरअसल भारत और न्यूजीलैंड के बीच इन दिनों तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। जिसका पहला मुकाबला आज से चिन्नास्वामी स्टेडियम में शुरू हो रहा है। वहीं इस बीच KL Rahul का ये वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल हो रहा है जिसमें KL चिन्नास्वामी स्टेडियम को देख इमोशनल होते नजर आएं।
Chinnaswamy Stadium को देख भावुक हुए KL Rahul
दरअसल KL Rahul बैंगलोर के रहने वाले हैं। राहुल अक्सर बचपन में चिन्नास्वामी स्टेडियम क्रिकेट खेलने के लिए आते थे। जानकारी के लिए बता दें कि KL राहुल ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में अब तक 2 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनकी 3 पारियों में KL के नाम 65 के औसत से 195 रन हैं। उन्होंने इन तीनों ही पारियों में अर्धशतक लगाया है। राहुल ने इस मैदान पर पहली बार 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेला था और अब वह भारत के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक बन चुके हैं। वहीं टीम इंडिया में केएल राहुल भी शामिल हैं, जो करीब 6 साल बाद अपने होम ग्राउंड में कोई टेस्ट मैच खेलने जा रहे हैं। इस मुकाबले के शुरू होने से पहले बीसीसीआई (BCCI) ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें राहुल ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में बिताई गई यादों के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं।
KL राहुल ने बताया कि, "यहां वापस आना मेरे लिए हर बार ही एक खास लम्हा होता है। अपने होम ग्राउंड पर आना किसी भी प्लेयर के लिए एक बहुत ही खास पल होता है। खासतौर पर जहां आप पले-बड़े हों और बहुत सारा क्रिकेट भी खेला हो। KL Rahul ने आगे कहा कि, "हम कैंटीन और ग्राउंड के पीछे मौजूद क्लबहाउस में बहुत सारा समय बिताते थे। हालांकि, मैं वहां पिछले एक साल या उससे भी ज्यादा समय से नहीं जा पाया हूं। मैं नहीं जानता कि वो जगह वैसी ही है या फिर बदल चुकी है।"
Rahul ने आगे बताया कि, एज कैटेगरी के क्रिकेट से लेकर जब तक हम रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खेलते थे, तब तक हम यहीं नाश्ता करते थे। अपना नाश्ता खत्म करके हम मैदान पर आते थे और अपनी ट्रेनिंग शुरू करते थे फिर अपनी ट्रेनिंग खत्म करके दोपहर के भोजन के लिए वापस वहीं चले जाते थे।