रियो डी जेनेरियो : ओलिंपिक में गुरुवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपना चौथा लीग मैच नीदरलैंड से खेला। इस मैच में नीदरलैंड ने भारत को 2-1 से हरा दिया। इस मैच का वह क्षण का काफी रोमांचक था जब भारत को अंतिम सेकेंड में पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन वह स्कोर बराबर नहीं कर पाई।
ओलंपिक इतिहास में पहली बार हॉकी में 15-15 मिनट के चार क्वार्टर रखे गए हैं। इस मैच के तीसरे क्वार्टर के अंतिम और चौथे क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में भारत को 9 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा। क्योंकि फाउल पर अंपायर ने सुनील और वीआर रघुनाथ को यलो कार्ड दिखा दिया था।
दोनों टीमों के बीच हुई कांटे की टक्कर
दोनों ही टीमों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। लेकिन नीदरलैंड्स ने 32वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए पहला गोल दागा। एक गोल से पीछे चल रही भारतीय टीम ने 38वें मिनट में वापसी की। भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला और वी. रघुनाथ ने उसे गोल में बदल कर भारत को बराबरी पर ला दिया। वहीं दूसरा तरफ नीदरलैंड्स की टीम लगातार आक्रमण करती रही, और 54वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया और मिंक वान डार विरडान ने उस पर गोल करते हुए अपनी टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी।
मिले पांच पेनल्टी लेकिन गोल एक भी नहीं
भारतीय टीम एक बार फिर पिछले मैचों की तरह अंतिम क्षणों में पिछड़ गई। अंतिम सेंकेंड में मिले 5 पेनल्टी कॉर्नर पर भी गोल नहीं कर पाई। शुरुआती मैच में आयरलैंड पर 3-2 की करीबी जीत के बाद भारतीय टीम को मौजूदा ओलंपिक चैंपियन जर्मनी से 1-2 से निराशाजनक हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन उसने वापसी करते हुए अर्जेंटीना पर 2-1 की अच्छी जीत दर्ज की, जिससे वह छह टीमों के पूल में शीर्ष चार में बरकरार है।
अब टीम का लक्ष्य लीग चरण में जितने ज्यादा अंक हो सकें, उतने हासिल करना है ताकि वह अंतिम आठ मुकाबलों में दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने से बच सके।