मैच के दौरान ग्रीन पार्क की ड्यूटी में रम जाते हैं अधिकारी, यूपीसीए ने कहा- कभी नहीं की मांग
शिकायती पत्र पर जिला प्रशासन ने यूपीसीए से आख्या मांगी थी। यूपीसीए ने जवाब में लिखा कि मैच के दौरान कभी किसी पुलिस अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी की मांग ही नही की गई।
कानपुर: ग्रीन पार्क में मैच होता है तो पूरा प्रशासन सारे कामकाज छोड़ कर स्टेडियम में एक पैर पर खड़ा नजर आता है। इससे कई जरूरी काम लिये जनता मारी मारी फिरती है।
एक समाजसेवी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इसकी शिकायत की थी और यह भी कहा था कि मैच में ड्यूटी करने वाले इन अधिकारियों के दैनिक भुगतान की वसूली करोड़ों रुपये कमाने वाले बीसीसीआई से की जाय।
इस शिकायती पत्र पर जिला प्रशासन ने यूपीसीए से आख्या मांगी थी। यूपीसीए ने जवाब में लिखा कि मैच के दौरान कभी किसी पुलिस अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी की मांग ही नही की गई।
खेल में अधिकारी
पिछले वर्ष सितम्बर 2016 में भारत न्यूज़ीलैण्ड के बीच टेस्ट मैच खेला गया था। हमेशा की तरह पूरा प्रशासनिक अमला मैच की ड्यूटी में जुटा था। समाजसेवी कमलेश फाइटर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर कहा कि अधिकारियों के मैच में लगे रहने से जनता की शिकायतों का निस्तारण नहीं होता। पहले यह शिकायत दबी रही। लेकिन योगी सरकार के आने के बाद इस पर कार्यवाही शुरू हो गयी। प्रशासन ने यूपीसीए को नोटिस जारी कर इस मामले में आख्या मांगी है।
एडीएम सिटी केपी सिंह के मुताबिक यूपीसीए द्वारा ग्रीन पार्क में जो भी मैच आयोजित किया जाता है, वहां शांति-व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट, पुलिस और दूसरे अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। किसी पत्र की जानकारी नहीं है। अगर इस तरह का कोई पत्र दिया गया है, तो उसका परीक्षण करके कार्यवाही की जाएगी।
पास का खेल
लेकिन यूपीसीए के जवाब के बाद सवाल यह उठता है कि एक निजी संस्था के आयोजन में पुलिस और प्रशासन बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना बन कर एक पैर पर दिन रात क्यों खड़ा रहता है। कहीं इसका कारण "पास" तो नहीं?
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