रियो ओलंपिक: ब्राजीली अधिकारियों का दावा, घूस देकर मिली थी मेजबानी

Update: 2017-09-06 12:34 GMT

नईदिल्ली : रियो ओलंपिक के चकाचौंध को देखकर शायद ही कोई इस बात का अंदाजा लगा पाया होगा कि भ्रष्टाचार की बुनियाद पर रंग बिरंगी चकाचौंध और सितारों की झलकियां दुनिया को देखने को मिली। ब्राजील के अधिकारियों ने एक चैंकाने वाला बयान देकर पूरी दुनिया मे सनसनी फैला दी। आईओली को मोटी रिश्वत देकर रिओ ओलंपिक की मेजबानी का इंतजाम किया गया था, उनके देश के ओलंपिक प्रमुख ने। अंतरराष्टीय ओलंपिक समिति को घूस देकर ब्राजील को मेजबानी मिली थी।

घूस को वोट खरीदने के लिए दिया गया था जिसके पीछे का मकसद था कि ब्राजील को ओलंपिक खेलों की मेजबानी आसानी से मिल जाय। इतनी प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता पर गंभीर आरोप लगें है। लेकिन इतने गंभीर आरोप लगाने के पहले जाॅच अधिकारियों ने नौ महीने तक कई देशों में जांच पड़ताल कर उसके बाद यह आरोप लगाया। ब्राजील ओलंपिक प्रमुख कार्लोस नुजमैन को पुलिस ने पूछतांछ के लिए बुलाया इसके साथ ही उनके घर की तलाशी भी ली गई। अभियोजकों ने यह साफ किया कि नुजमैन से को हिरासत में तो लिया गया पर उनकी गिरफ्तारी नहीं हुयी है। एहितियात के तौर पर उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है।

इस पूरे भ्रष्टाचार की बुनियाद में वहां के कई प्रभावशाली लोगों से भी पूंछताछ हो रही है और कुछ लोगों को गिरफतार किया गया है। प्रमुख व्यवसायी आर्थर सोरेस की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया गया है। आर्थर के पास रियो गेम्स की तैयारियों के बड़े बड़े ठेके थे। उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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