नई दिल्ली : बारह साल की उम्र में ही उन्होंने बड़ा कमाल कर दिखाया है। 12 साल की उम्र में उन्होंने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है। चेन्नई के रहने वाले आर. प्रगनंदा इटली में संपन्न हुए ग्रेडाइन ओपन का खिताब जीतकर दुनिया में सबसे कम उम्र के दूसरे ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी बने हैं।
प्रगनंदा की यह उपलब्धि असाधारण मानी जा रही है और उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है। यह उपलब्धि हासिल कर जब प्रगनंदा अपने घर लौटे तो उनका भव्य स्वागत हुआ। प्रगनंदा की यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है कि इंटरनेशनल स्तर पर सबसे कम उम्र में ग्रैंड मास्टर बनने वाले प्रगनंदा दुनिया के दूसरे तो भारत के पहले खिलाड़ी हैं।
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चेन्नई में जोरदार स्वागत
ग्रैंडमास्टर का खिताब जीतकर जब यह लिटिल मास्टर अपने गृह नगर चेन्नई पहुंचा तो उनके चारों ओर आम लोगों का ही नहीं बल्कि मीडिया का भी जमावड़ा लग गया। यह युवा चैंपियन जब अपने स्कूल पहुंचा तो उनके दोस्तों ने उन्हें गोद में उठा लिया। इस शानदार स्वागत से प्रगनंदा भी खुश नजर आए।
स्कूल में रखी गयी पार्टी
प्रगनंदा की उपलब्धि पर उनके दोस्त इतने खुश थे कि उनकी इस उपलब्धि पर उनके स्कूल ने एक खास वेलकम पार्टी रखी। इस पार्टी में प्रगनंदा की मां नागलक्ष्मी को भी आमंत्रित किया गया था। मां ने इस मौके पर अपने बेटे को चूम लिया। इस मौके पर प्रगनंदा की बहन भी मौजूद थी। प्रगनंदा ने यह कारनामा 12 साल, 10 महीने और 13 दिन की उम्र में हासिल किया।
आनंद ने दी बधाई
प्रगनंदा को इस उपलब्धि पर चेस चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने भी बधाई दी। विश्वनाथन ने ट्वीट करते लिखा कि प्रगनंदा, क्लब में शामिल होने पर स्वागत है और ढेर सारी बधाई। उन्होंने जल्द ही प्रगनंदा से चेन्नई में मिलने का वादा किया। बता दें दुनिया में सबसे कम उम्र में ग्रैंड मास्टर बनने का रेकॉर्ड यूक्रेन के सर्जेई कर्जाकिन के नाम है। कर्जाकिन ने 1990 में 12 साल 7 महीने की उम्र में यह रेकॉर्ड अपने नाम किया था।