भारत की बेटी ‘हिमा दास’ का AFI ने किया अपमान, कहा- ‘इंग्लिश सुधारो'

Update: 2018-07-14 04:40 GMT

नई दिल्ली : असम की 18 वर्षीय एथलीट हिमा दास का नाम आज बच्चे-बच्चों की जुबां पर है। हो भी तो क्यों न ! भला हिमा ने काम ही ऐसा किया है। उन्होनें फिनलैंड के टैम्पेयर शहर में भारत को गौरवंतित कर एएएफ विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है।

यह पहली बार है कि भारत को आईएएएफ की ट्रैक स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल हुआ है। उनसे पहले भारत की कोई महिला खिलाड़ी जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड नहीं जीत सकी थी। हिमा ने यह दौड़ 51.46 सेकेंड में पूरी की।

लेकिन लगता है कि इतनी कम उम्र में अपने जज्बे का लोहा मनवाने वाली हिमा की यह ख़ुशी 'एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया' (आईएएएफ) को रास नहीं आई। तभी तो उन्होनें हिमा को इंग्लिश अच्छी न होने पर ट्वीट कर बधाई देने के साथ-साथ तंज भी कस दिया।

दरअसल सेमीफाइनल में हिमा की जीत के बाद एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक एक ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट में फेडरेशन ने हिमा को उनकी खराब इंग्लिश के चलते घेरा।

‘इंग्लिश अच्छी नहीं है’- एएफआई

फेडरेशन की तरफ से किये गए ट्वीट में लिखा था, 'सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने के बाद हिमा दास ने मीडिया से बातचीत की। इंग्लिश अच्छी नहीं है, फिर भी अपना बेस्ट दिया। फाइनल में और ज्यादा अच्छा करने की कोशिश करना।' एएफआई के ऐसे ट्वीट के बाद लगता है कि शायद उन्हें प्रतिभाशाली खिलाड़ियों से ज्यादा बेहतर अंग्रेजी बोलने वालों की जरूरत है।



वहीँ दूसरी और अगर गौर करें तो हिमा को इंग्लिश सिखाने वाली फेडरेशन को खुद इंग्लिश सीखने की जरुरत है। वो इसीलिए क्योंकि ट्वीट में एक जगह स्पीकिंग शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी स्पैलिंग 'speking' लिखी गई है। हालंकि उन्होनें इस ट्वीट के बदले माफी भी मांगी हैं।

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