Olympics से पहले भारतीय दल को बड़ा झटका, डोप टेस्ट में फेल हुए पहलवान सुमित मलिक

Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत में कुछ हफ्तों का समय ही बाकी रह गया है मगर उससे पहले सुमित मलिक के डोप टेस्ट में फंसने को देश के लिए शर्मिंदगी का बड़ा कारण माना जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update: 2021-06-05 05:26 GMT

 पहलवान सुमित मलिक (Photo Social Media)

Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत से पहले भारतीय दल (India) को बड़ा झटका लगा है। ओलंपिक (Olympics 2022) में हिस्सा लेने के लिए भारतीय दल की रवानगी से पहले पहलवान सुमित मलिक (Wrestler Sumit Malik) डोप परीक्षण में विफल (Fails Dope Test) रहे हैं। डोप परीक्षण में विफल रहने के बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (United World Wrestling) ने सुमित पर अस्थायी प्रतिबंध (Sumit Malik Suspended) लगा दिया है।

टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत में कुछ हफ्तों का समय ही बाकी रह गया है मगर उससे पहले सुमित के डोप टेस्ट में फंसने को देश के लिए शर्मिंदगी का बड़ा कारण माना जा रहा है।

ओलंपिक क्वालीफायर में जीता था रजत

ओलंपिक की तैयारियों और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए सुमित को शनिवार को वारसा (पोलैंड) के लिए रवाना होना था, मगर डोप टेस्ट में उनके विफल होने के बाद उन्हें पोलैंड रवाना होने से रोक दिया गया है। सुमित ने पिछले महीने बुल्गारिया में हुए ओलंपिक क्वालीफायर में रजत पदक जीता था। इस जीत के साथ ही उन्हें टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने का टिकट मिल गया था मगर डोप टेस्ट में विफलता उनके लिए काफी बुरी खबर लेकर आई है।

टूट गया सुमित का सपना

बुल्गारिया में हुए इस मुकाबले के बाद सुमित पाल का सैंपल लिया गया था जिसमें वे विफल रहे। सुमित 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं और उन्होंने बुल्गारिया स्पर्धा में 125 किग्रा वर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।

बुल्गारिया में हुई स्पर्धा पहलवानों के लिए टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल करने का आखिरी मौका थी और इसे सुमित की बड़ी कामयाबी माना जा रहा था मगर अब उनका सपना पूरी तरह टूट गया है।

डोप टेस्ट में फंसे थे नरसिंह यादव भी

यह दूसरा मौका है जब ओलंपिक खेलों की शुरुआत से पहले ही डोपिंग का मामला सामने आया है। 2016 में हुए रियो ओलंपिक से पहले भी इसी तरह का मामला सामने आया था और तब खेलों की शुरुआत से कुछ सप्ताह पूर्व ही नरसिंह यादव डोपिंग जांच में विफल हो गए थे। दो परीक्षण में विफल होने के बाद नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था।

10 जून को होगा बी नमूने का टेस्ट

भारतीय कुश्ती संघ का कहना है कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की ओर से महासंघ को सुमित के डोप टेस्ट में विफल हो जाने की जानकारी दी गई है। अब 10 जून को उनके बी नमूने का परीक्षण होगा। ओलंपिक क्वालीफायर शुरू होने से पहले राष्ट्रीय शिविर के दौरान मलिक के घुटने में चोट लगी थी। इससे पहले मालिक ओलंपिक का टिकट पाने में विफल हो रहे थे। अप्रैल महीने के दौरान अल्माटी में एशियाई क्वालीफायर में सुमित ने भाग लिया था मगर उस दौरान वे ओलंपिक कोटा हासिल करने में विफल साबित हुए थे।

किसी दवा का सेवन कर रहे थे सुमित

वैसे कुछ लोगों का कहना है कि सुमित अपने घुटने की चोट के लिए किसी आयुर्वेदिक दवा का सेवन कर रहे थे और उस दवा में कुछ प्रतिबंधित पदार्थ होने की आशंका है। जानकारों के मुताबिक खिलाड़ियों और पहलवानों को दवाओं के सेवन से पहले उनके जोखिम के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। 10 जून को सुमित के बी नमूने का परीक्षण किया जाएगा और अगर उनका यह नमूना भी पॉजिटिव मिला तो उन पर प्रतिबंध की तलवार लटक जाएगी।
जानकारों का कहना है कि अभी सुमित के पास अपने निलंबन को चुनौती देने का अधिकार बचा हुआ है, लेकिन जब तक इस मामले की सुनवाई होगी तब तक ओलंपिक का आयोजन हो चुका रहेगा। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि अब सुमित मलिक टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
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