Vasu Paranjape Ka Nidhan: पंच तत्वों में विलीन हुए 'मुंबई क्रिकेट के द्रोणाचार्य' वासु परांजपे, इन क्रिकेटरों को बनाया तोप बल्लेबाज

Vasu Paranjape Ka Nidhan: भारत टीम के पूर्व क्रिकेटर व मशहूर कोच वासु परांजपे का निधन हो गया है।

Written By :  Chitra Singh
Update: 2021-08-31 02:13 GMT

वासु परांजपे (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Vasu Paranjape Ka Nidhan: भारत टीम के पूर्व क्रिकेटर व मशहूर कोच वासु परांजपे का निधन (Vasu Paranjape Passed Away) हो गया है। उनकी मृत्यु मुंबई के माटुंगा में स्थित आवास में हुई। बताया जा रहा है कि वासु परांजपे पार्किंसन जैसी बीमारी (Parkinson Disease) से जुझ रहे थे।

वासु परांजपे (Vasu Paranjape) ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को महान बल्लेबाज बनाने में अहम भूमिका निभाया था। वही 6 दशक तक वासु कोच, सलाहकार और मेंटर के तौर पर मुंबई क्रिकेट से जुड़े रहे। उन्होंने मुंबई के लिए 28 फर्स्ट क्लास मैचेस खेले, जिसमें उन्होंने दो शतक और दो अर्धशतक बनाए । दो शतक और दो अर्धशतक से ही वासु ने 785 रन बना चुके थे।

भारतीय क्रिकेट के पूर्व खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और सुनील गावस्कर ने वासु परांजपे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। सचिन ने ट्विटर के माध्यम से कुछ पुरानी यादें शेयर की है। उन्होंने कहा है, "वासु सर, जैसा कि मैं उन्हें हमेशा से जानता हूं, मेरे साथ काम करने वाले सर्वश्रेष्ठ कोचों में से एक थे। वह बचपन से ही मेरी क्रिकेट सफर का अभिन्न हिस्सा थे और मेरे लिए एक मार्ग दर्शक भी थे।"

सचिन अपने पोस्ट में आगे लिका है, "अपने करियर की शुरुआत में मुझे याद है कि उन्होंने मुझे मराठी में बताया था कि 'आप पहले 15 मिनट तक चौकस रहें और बाकी दिन विपक्ष आपको देखता रहेगा।' वे जीवंत ज्ञानी थे और उनमें हास्य की बड़ी समझ थी। मैं कुछ महीने पहले उनसे मिलने आया था और वह हमेशा की तरह मजाकिया स्वभाव के थे।'

एक पल को याद करते हुए सचिन ने लिखा है, "इंदौर में अंडर-15 राष्ट्रीय शिविर के दौरान हमारे केयरटेकर ने वासु सर से शिकायत करने गया था कि हम लड़के रात में टेनिस की गेंद से खेल रहे हैं और वह कड़ी कार्रवाई करने की उम्मीद कर रहा था। वासु सर ने अपने अनोखे अंदाज में प्रतिक्रिया व्यक्त की, 'वे बच्चे हैं और खेलेंगे। आप भी उनके लिए असफल क्यों नहीं हो जाते'। वासु सर की यह बात सुनकर केयरटेकर स्तब्ध रह गया। वह हमारे साथ बहुत सी यादें छोड़ गए हैं और जिस पल आप मुस्कुराते हैं। मुझे लगता है कि मेरा एक टुकड़ा दुनिया से चला गया है।"

80 के दशक में 82 वर्षीय वासु परांजपे बीसीसीआई के डायरेक्टर ऑफ कोचिंग भी रह चुके है। हाल ही में उनके बेटे ने एक पत्रकार के साथ मिलकर 'क्रिकेट द्रोण' किताब (Cricket Drona book) लिखी, जिसमें कई दिग्गज क्रिकेटरों ने वासु सर के साथ बिताए गए वक्त के बारे में जिक्र किया है। बता दें कि वासु परांजपे को 'मुंबई क्रिकेट के द्रोणाचार्य' (Mumbai Cricket Ke Dronacharya) भी कहा जाता है। 

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