Vinesh Phogat: विनेश की सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील ठुकराई, महावीर फोगाट का टूटा दिल, कह दी ये हैरान करने वाली बात
Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के द्वारा सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील दायर की थी, जिसे सुनवाई होने से पहले ही ठुकरा दिया गया है।
Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक में भारत की कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट के डिसक्वालीफिकेशन के बाद अब उनके सपनों पर पानी फिर गया है। विनेश फोगाट ने अयोग्य ठहराने जाने के बाद सिल्वर मेडल दिए जाने की अपील की थी, लेकिन इस अपील पर तारीख पर तारीख दिए जाने के बाद आखिरकार सुनवाई होने से पहले ही खारिज कर दिया। जिसके साथ ही विनेश फोगाट और उनके परिवार ही नहीं बल्कि पूरे भारत का दिल तोड़ दिया है।
विनेश फोगाट की सिल्वर मेडल की अपील को ठुकराया
जी हां... विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने का मामला सीएएस में था, जहां मंगलवार को ही इस मामले की सुनवाई 16 अगस्त को होने की जानकारी मिली थी। ऐसे में हमारे देश को 16 अगस्त का इंतजार था, लेकिन इसी बीच सुनवाई से पहले ही 14 अगस्त, बुधवार को अचानक ही विनेश फोगाट की इस अपील को ठुकरा दिया गया और उनके सिल्वर मेडल जीतने की उम्मीदें खत्म हो गई है।
विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट का टूटा दिल
विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग को लेकर सुनवाई होने से पहले ही सीएएस ने इस मांग को जिस तरह से ठुकराया है, उसके बाद हमारे पूरे देश में निराशा का माहौल है। इसकी निराशा सबसे ज्यादा विनेश फोगाट के परिवार को हो रही है, जहां इस स्टार रेसलर के ताऊ महावीर फोगाट का दिल टूट गया है। विनेश के ताऊ ने इस अपील को खारिज करने पर जबरदस्त निराशा व्यक्त की है।
महावीर फोगाट ने जाहिर की निराशा
विनेश फोगाट मामले को लेकर अपील खारीज करने के बाद उनके ताऊ महावीर फोगाट काफी निराश हो गए। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, "जब विनेश रियो ओलंपिक्स में घुटने की चोट के बाद घर लौटीं तो उनके अंदर एक जुनून था। विनेश ने कहा कि यह उनके ओलंपिक ड्रीम के सपने का अंत नहीं है और वो आगे मेहनत जारी रखेंगी। वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो बार ब्रॉन्ज मेडल जीतना विनेश को प्रोत्साहित कर रहा था कि उन्हें ओलंपिक मेडल जरूर जीतना है।"
एथलीट के लिए ऐसी स्थिति कर सकती है मानसिक हालात खराब- महावीर
महावीर फोगाट ने आगे कहा कि, "जब उन्हें विनेश फोगाट के डिसक्वालीफिकेशन के बारे में पता चला तो पूरा परिवार चौंक उठा और बहुत निराश था। इस तरह की घटनाएं किसी एथलीट की मानसिक हालत बिगाड़ सकती हैं। फिर चाहे उसे अपने बहन-भाइयों और परिवार से सपोर्ट ही क्यों ना मिला हो, लेकिन यह घटना एथलीट की मानसिक हालत के लिए ठीक नहीं है।"