खिलाड़ियों के वेतन पर संकट, उधार लेकर दी गई सैलरी, वेस्टइंडीज बोर्ड की ऐसी हालत

कोविड-19 ने उन्हें खिलाड़ियों और स्टाफ का वेतन देने के लिए उधार लेने के लिए बाध्य कर दिया, लेकिन उनके कार्यकाल में बोर्ड का कर्जा घटकर एक तिहाई हो गया है।

Update: 2021-03-30 08:11 GMT
वेस्टइंडीज

नई दिल्ली: कोरोना जैसी महामारी ने दुनियाभर में अपना असर दिखाया है। कोविड-19 की वजह से कई क्षेत्रों में आर्थिक रूप से भी परेशानी हुई है। हाल ही में जानकारी मिली है कि वेस्टइंडीज क्रिकेट वित्तीय संकट से गुजर रहा है।

कोविड-19 का असर

वेस्टइंडीज क्रिकेट वित्तीय संकट से गुजर रहा है। जहां हालात इतने खराब हो गए कि खिलाड़ियों को भी उधार लेकर सैलरी देनी पड़ी।यह खुलासा वेस्टइंडीज क्रिकेट के अध्यक्ष रिकी स्केरिट ने खुद किया है।

जिसको लेकर उन्होंने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने उन्हें उधार लेने की कगार पर खड़ा कर दिया। कोविड-19 ने उन्हें खिलाड़ियों और स्टाफ का वेतन देने के लिए उधार लेने के लिए बाध्य कर दिया, लेकिन उनके कार्यकाल में बोर्ड का कर्जा घटकर एक तिहाई हो गया है।

दो करोड़ डॉलर का कर्जा

बता दें कि स्केरिट गुयाना क्रिकेट बोर्ड के सचिव आनंद सानासी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वहीं बोर्ड के वित्तीय हालात को लेकर भी स्केरिट ने बात की। उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने पदभार संभाला, तब से काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या थी कि हमने राशि मिलने से पहले ही भविष्य के खर्च के बारे में बात कर ली और हमें उधार ली हुई राशि से काम चलाना पड़ा।

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इसलिए हम पर करीब दो करोड़ डॉलर का कर्जा रहा, वहीं हमने उधार देने के लिए और उधार लिया। साथ ही फंड के नाम पर हमारे पास कुछ भी नहीं। क्योंकि उस समय महामारी की वजह से पैसे का इंतजाम मुश्किल रहा।

नकदी पर फोकस

वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष ने आगे कहा कि महामारी के दौरान सभी कर्मचारियों ने आधे वेतन पर काम किया और उस समय बोर्ड के पास स्टाफ को वेतन देने के लिए पैसे नहीं उपलब्ध रहें।

जिसके बाद हमें अपने खर्चे कम करने पड़े। और फायदे-नुकसान के बारे में ज्यादा ध्यान देने की बजाए हमने नकदी पर फोकस किया। इसका असर भी दिखा और दो साल के भीतर ही हमारा कर्ज एक तिहाई रह गया। मेरे कार्यकाल के पहले साल हमने ऐसा किया, जो पिछले साल गर्मियों तक जारी रहा।

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