MS Dhoni: DRS को क्यों कहा जाता है धोनी रिव्यू सिस्टम? धोनी की DRS पर एक्यूरेसी को लेकर दिग्गज अंपायर का खुलासा

MS Dhoni: एमएस धोनी का सबसे अचूक हथियार डीआरएस रहा है, जिसे इस्तेमाल करने में उनकी सटीकता को लेकर अंपायर्स तक हैरान रह जाते थे।

Report :  Kalpesh Kalal
Update: 2024-08-31 06:23 GMT

MS Dhoni (Source_Social Media)

MS Dhoni: महेन्द्र सिंह धोनी... वर्ल्ड क्रिकेट में इस नाम से कोई भी अनजान नहीं होगा। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेट में बहुत बड़ा नाम रहे हैं, उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में तो महारथ हासिल की ही है, लेकिन कप्तानी में उनका कद अलग ही मुकाम पर रहा है। बतौर कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के दांव-पेंच इतने खतरनाक होते थे कि ये अक्सर ही काम कर जाते थे।

वर्ल्ड क्रिकेट में एमएस धोनी के गेम प्लान को नहीं है कोई सानी

विश्व क्रिकेट में महेन्द्र सिंह धोनी की मैदान में हर एक रणनीति का कुछ खास प्रभाव देखा जाता था। जब वो किसी बल्लेबाज को आउट करने का उन्हें फंसानें के लिए कोई चाल चलते थे तो इसे लेकर बल्लेबाज को भनक तक नहीं लगने देते और अपना काम आसानी से कर जाते। तभी तो आज महेन्द्र सिंह धोनी को विश्व क्रिकेट का सबसे बेहतरीन और कामयाब कप्तान के रूप में देखा गया। धोनी अपने गेम प्लेन के साथ ही सबसे ज्यादा किसी बात से दुनिया का ध्यान खिंचा है तो वो है उनके डीआरएस..

डीआरएस लेने में धोनी रहे हैं महारथी, अंपायर्स तक हो जाते थे हैरान

एमएस धोनी विकेट के पीछे खड़े होते हुए डीआरएस यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम का लेने की क्षमता ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। महेन्द्र सिंह धोनी ने अपने करियर में डीआरएस के फैसलों में इतनी ज्यादा सटीकता दिखायी है, कि डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम तक नाम दे दिया गया। धोनी के पास डीआरएस को लेने की क्षमता बहुत ही जबरदस्त थी, जहां वो अक्सह ही कामयाब होते थे। अंपायर्स तक धोनी की डीआरएस की सटीकता को देखकर हैरान रह जाते थे। उसी बात को लेकर अब दिग्गज भारतीय अंपायर ने बड़ा खुलासा किया है।

धोनी के डीआरएस लेने की क्षमता पर दिग्गज अंपायर ने दिया बड़ा बयान

भारत के दिग्गज अंपायर अनिल चौधरी धोनी की डीआरएस लेने की सटीकता को लेकर वाकई में हैरान हैं। उन्होंने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है और एक पॉडकास्ट 2 स्लॉगर्स पॉडकास्ट पर उनसे धोनी के डीआरएस लेने की स्किल्स पर सवाल किया तो अनिल चौधरी ने कहा कि, “कभी-कभी ऐसा होता है कि कीपर पीछे रह जाता है, भले ही वो गेंदबाज की स्थिति को न देख पाए। लेकिन इन मामलों में धोनी काफी समझदार थे। धोनी के फैसले अचूक नहीं होते थे, शायद ही उनका कोई फैसला गलत होता था। जिसके चलते मैदान पर उनकी छवि और मजूबत हो गई थी।“

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