दुनिया की सबसे रईस क्रिकेट संस्था है BCCI, लेकिन नहीं है रणजी ट्रॉफी के लिए पैसा
Ranji Trophy Final 2022: खेल के पहले दिन अच्छी फॉर्म में चल रहे मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान को DRS के नहीं होने के चलते गौरव यादव की गेंद पर करीबी मामले में जीवनदान मिल तो दूसरे दिन सरफराज ने शतकीय पारी खेल दी।
Ranji Trophy Final 2022: रणजी ट्रॉफी फाइनल 2022 का मुकाबला बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जा रहा है। फाइनल मुम्बई और मध्य प्रदेश के बीच खेला जा रहा है। यह मैच डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) के बिना खेला जा रहा है। यह भारतीय घरेलू क्रिकेट का सबसे बड़ा मुकाबला है। खेल के पहले दिन अच्छी फॉर्म में चल रहे मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान को DRS के नहीं होने के चलते गौरव यादव की गेंद पर करीबी मामले में जीवनदान मिल तो दूसरे दिन सरफराज ने शतकीय पारी खेल दी।
रणजी ट्रॉफी फाइनल में इस बड़ी चूक के बाद सोशल मीडिया पर घरेलू टूर्नामेंटों में DRS सिस्टम नहीं लगाने को लेकर BCCI की खूब आलोचना हो रही है, क्रिकेट फैंस साफ लिख रहे हैं, कि क्या पैसे बचाने के लिये BCCI ने रणजी ट्रॉफी में DRS सिस्टम नहीं रखा।
बीसीसीआई को अंपायरो को पूरा भरोसा
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रणजी ट्रॉफी 2022 के फाइनल में DRS के नहीं होने के पीछे बीसीसीआई ने अपने तर्क में बोर्ड ने कहा है, "हमें अपने अंपायरों पर पूरा विश्वास है" मीडिया रिपोर्ट में एक पूर्व क्रिकेटर का बयान है, "इस मैच में केएन अनंतपद्मनाभन और वीरेंदर शर्मा अंपायरिंग कर रहे हैं और हमें उन पर भरोसा करना चाहिए"
डीआरएस का उपयोग पड़ता बहुत महंगा
इसके अलावा, इस पूर्व खिलाड़ी के बयान को कुछ यूं दिखाया गया है, "DRS का उपयोग करना महंगा पड़ता है, इससे कीमत बढ़ जाती है, अगर फाइनल में DRS नहीं है, तो इससे भला क्या फर्क पड़ता है, भारत के सर्वश्रेष्ठ अंपायर मैच में अंपायरिंग कर रहे है। अभी आप फाइनल में DRS की मांग कर रहे हैं, बाद में रणजी के लीग स्टेज में भी मांगें करेंगे"
रणजी ट्रॉफी विवाद पर क्रिकेट फैंस बोले
रणजी ट्रॉफी फाइनल मुकाबले में DRS के नहीं होने के पीछे तर्क तो कई दिए गए लेकिन ये भी एक सच्चाई है, कि बीसीसीआई को दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बनाने की बुनियाद इसी तरह के घरेलू टूर्नामेंट में तैयार हुई, ऐसे में इन मुकाबलों में बेहतर सुविधा से फायदा खिलाड़ी के साथ इस खेल को ही होगा।
आउट विवाद के बाद से बीसीसीआई की खूब आलोचना कर के सोशल मीडिया तर्क के साथ ही खरी खोटी सुना रहे है। आईपीएल अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों में DRS की भला क्या जरूरत है, फिलहाल अभी तो यही लग रहा है कि BCCI इस मामले में कंजूसी दिखा रहा है।