रियो डी जेनेरोः विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की अपील पर खेल संबंधी पंचाट (सीएएस) ने पहलवान नरसिंह यादव को डोपिंग मामले में दोषी करार दिया है। कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्टस (सीएएस) ने इसके साथ ही नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। सीएएस ने नाडा के फैसले को मानने से इनकार कर दिया। अदालत ने नरसिंह के उस तर्क को भी मानने से इनकार कर दिया है कि उनके साथ साजिश हुई है। अब नरसिंह यादव अगले चार साल तक किसी भी खेल प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
वाडा ने राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) से मिली क्लीनचिट के खिलाफ सीएएस में अपील की थी। नरसिंह को 74 किलो वर्ग में आज रियो में अपना पहला मैच फ्रांस के जेलिमखान खादजिएव के खिलाफ खेलना था। अब उन्हें बैरंग लौटना होगा। पहले कई मीडिया समूहों ने नरसिंह को सीएएस से क्लीनचिट मिलने की जानकारी दी थी, लेकिन उस वक्त तक सीएएस का फैसला नहीं आया था।
नरसिंह यादव ने कहा
इस पूरे मामले में नरसिंह यादव ने कहा कि बीते दो महीनों में मैंने बहुत कुछ सहा लेकिन इस दौरान मेरे मन में सिर्फ एक बात थी कि देश के सम्मान के लिए लड़ना ओर पदक जीतना है।रियो में देश के लिए मेडल जीतने के मेरे सपने को खेल से 12 घंटे पहले निर्दयतापूर्वक छीन लिया गया। नरसिंह ने कहा कि वह सबकुछ करेंगे जो उन्हें निर्दोष साबित कर सके। लड़ने के लिए उनके पास यही बचा है।
नाडा ने दी थी क्लीनचिट
बता दें कि नरसिंह यादव के सैंपल में प्रतिबंधित दवा मीथाडिनोन मिली थी। जिसके बाद रियो ओलंपिक में उनके खेलने पर सवाल उठने लगे थे। नरसिंह ने नाडा में इसके खिलाफ अपील की थी। वहां उन्होंने कहा था कि एक अन्य पहलवान ने उनके भोजन में प्रतिबंधित दवा मीथाडिनोन मिला दी। उन्होंने अपने पक्ष में सबूत भी पेश किए थे। इन सबूतों से संतुष्ट होकर नाडा ने उन्हें क्लीनचिट दी थी। वाडा ने इस क्लीनचिट के खिलाफ सीएएस में अपील की थी।
पीएम मोदी से मांगी थी मदद
नरसिंह ने अपना सैंपल पॉजिटिव पाए जाने के बाद इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से भी मदद मांगी थी। नाडा से क्लीनचिट मिलने के बाद वह पीएम से मिलने भी गए थे। तब मोदी ने उन्हें पुरानी बात भूलकर रियो ओलंपिक में मेडल जीतने पर ध्यान देने के लिए कहा था। नरसिंह ने भी नाडा से क्लीनचिट मिलने के बाद मेडल जीतने की हुंकार भरी थी।