Aadhaar Update 2022: अब आधार से धोखाधड़ी-फर्जीवाड़े का क्राइम होगा खत्म, इस नए सिस्टम से फ्रॉड का नाम खत्म

Aadhaar Update: आधार एनेबल पेमेंट सिस्टम मतलब कि AEPS की मदद से अभी तक 1507 करोड़ से अधिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। जिसमें से 7.54 लाख ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी यानी फर्जीवाड़ा खूब धड़ल्ले से किया गया है।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-09-27 14:09 IST

आधार कार्ड (फोटो-सोशल मीडिया)

Aadhaar Update: हर जगह चाहे एक सिम ही क्यों न लेना हो, उसमें भी आधार कार्ड और फिंगर प्रिंट लिया जाता है। ऐसे में आधार कार्ड के बढ़ते इस्तेमाल और बैंक लिंक को लेकर लोगों को धोखाधड़ी का बहुत डर रहता है। लेकिन अगर आप आधार की मदद से फिंगर प्रिंट के जरिए पैसा निकालते हैं, तो अब इसमें आपके साथ कोई धोखाधड़ी नहीं होगी। जीं हां इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए यूडीएआई ने एक फीचर जोड़ा है। ऐसे में अब इस नए फीचर के जुड़ जाने के बाद से प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) से ये पता चल जाएगा कि जिस व्यक्ति का फिंगर प्रिंट लग रहा है वह जीवित है या नहीं है। जिससे धोखाधड़ी से लोगों को बचाया जा सके।

दरअसल आधार एनेबल पेमेंट सिस्टम मतलब कि AEPS की मदद से अभी तक 1507 करोड़ से अधिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। जिसमें से 7.54 लाख ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी यानी फर्जीवाड़ा खूब धड़ल्ले से किया गया है। बता दें, यह नया सिक्योरिटी फीचर आधार से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए किया जा रहा है। जिसमें ये फर्जीवाड़े को बहुत तेजी से ट्रैक रहेगा।

आधार से ऐसे होती है धोखाधड़ी

आधार से हुए फर्जीवाड़े की रिपोर्ट्स के अनुसार, धोखाधड़ी से किए गए ट्रांजैक्शन होता है। जिसमें असली व्यक्ति के फिंगरप्रिंट का सिलिकॉन पैड पर क्लोन बना लिया जाता है। इसके बाद ये फिंगर प्रिंट जमीन की खरीद-फरोख्त में डाक्यूमेंट्स पर लिए गए उंगलियों के असली निशान यानी फिंगर प्रिंट से बनाया जाता है, जो भू राजस्व विभाग वेबसाइट पर अपलोड करता है। इतने काम में पूरा का पूरा दिन या फिर बैंकों के चक्कर ही लगाते रह जाते हैं। 

UIDAI की इस ट्रिक से रूकेगी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा

असल में अब यूआईडीएआई (UIDAI)  ने आधार से जन्म-मृत्यु के डाटा को जोड़ने का फैसला लिया है। जिसके चलते अब नवजात शिशु को अस्थाई आधार नंबर जारी किया जाएगा। इसके बाद में इसे बायोमीट्रिक डाटा के साथ अपग्रेड किया जाएगा। और तो और मृत्यु के पंजीकरण के रिकॉर्ड को भी आधार के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे आधार नंबर के गलत इस्तेमाल को भी रोका जा सके। वहीं धोखाधड़ी को भी रोका जा सके।


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