UPI Payment Charges: ऑनलाइन पेमेंट पर नहीं देना होगा कोई शुल्क, मोदी सरकार ने दूर की सभी की समस्या
UPI Payment Free: यूपीआई सेवाओं पर भारत सरकार कोई शुल्क नहीं लगाएगी। वित्त मंत्रालय ने रविवार को इस तरह के सभी खबरों का खंडन किया और ट्वीट करते हुए कहा कि यूपीआई फ्री रहेगा।
UPI Payment Charge: कुछ दिन पहले ही यह खबरें सामने आई थी कि भारत सरकार यूपीआई पेमेंट (UPI Payment Charges) पर जल्द ही उपयोगकर्ताओं से शुल्क वसूलेगी। मगर रविवार को वित्त मंत्रालय ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए ऑनलाइन रिपोर्ट में प्रसारित हुई उन सभी खबरों का खंडन कर दिया जिसमें यह संभावना जताई जा रही थी कि अब सरकार यूपीआई लेन-देन में भी सेवा शुल्क वसूल करेगी। बता दें, यूपीआई पेमेंट पर चार लगने की खबर तब सामने आई जब हाल ही में भुगतान प्रणाली पर परामर्श जानने के लिए आरबीआई ने एक पत्र जारी कर उस पर कंपनियों का सुझाव मांगा था। आरबीआई द्वारा उठाए गए इस कदम से ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द ही भारत सरकार पेटीएम फोन पर और गूगल पर जैसी तमाम यूपीआई पेमेंट एप्स का उपयोग करने पर चार्ज लगा सकती है।
UPI Payment रहेगा फ्री : वित्त मंत्रालय
UPI Payment Charges की खबरें मीडिया में प्रसारित होने के बाद रविवार को वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए इन सभी खबरों का खंडन किया और कहा कि यूपीआई पेमेंट देश में फ्री रहेगा। अपने ट्वीट में वित्त मंत्रालय ने लिखा कि 'यूपीआई लोगों के लिए एक उपयोगी सेवा है, जिससे लोगों को काफी सुविधा होती है और अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ती है। यूपीआई सेवाओं के लिए सरकार कोई शुल्क लगाने पर विचार नहीं कर रही है। लागत की वसूली के लिए सेवा प्रदाताओं की चिंताएं अन्य माध्यमों से पूरी करनी होंगी।'
वित्त मंत्रालय ने इसी ट्वीट के अगले जोड़ में लिखा कि 'सरकार ने पिछले साल डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी और इस साल भी इस तरह के भुगतानों को अपनाने और आर्थिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल भुगतान प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए इसकी घोषणा की है।'
UPI Payment की पीएम मोदी करते रहे हैं सराहना
UPI Payment की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही करते रहे हैं। इसी साल जुलाई में जब यूपीआई लेनदेन की राशि कुल 6 अरब को पार हुई थी तब प्रधानमंत्री ने यूपीआई लेनदेन की काफी सराहना की थी और उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। यह नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और अर्थव्यवस्था को स्वच्छ बनाने के लिए भारत के लोगों के सामूहिक संकल्प को इंगित करता है। डिजिटल भुगतान COVID-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से मददगार थे।' नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपीआई ने 6.28 अरब लेनदेन की राशि 10.62 ट्रिलियन रुपये की सूचना दी। बता दें जुलाई में डिजिटल लेनदेन की संख्या 2016 के बाद सबसे अधिक थी।