बाबा बर्फानी की यात्रा हो गई है शुरू,रखिए इन बातों का पूरा ख्याल

Update:2018-06-29 11:01 IST

जयपुर:अमरनाथ यात्रा इस साल 28 जून से शुरू हो गई है। इस यात्रा में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसका बेहद खास महत्व है। यात्रा में अमरनाथ यात्रा के लिए मार्च के महीने से ही रजिस्ट्रेशन प्रकिया शुरू हो गई थी। इस बार 13 साल से लेकर 75 साल की आयु तक के श्रद्धालुओं को यात्रा करने की अनुमति है। दरअसल अमरनाथ यात्रा बेहद कठिन और दुरूह माना जाता है। इसलिए यात्रा में अत्यधिक सावधानी रखी जाती है तो जानिए अमरनाथ यात्रा के समय श्रधालुओं क्या करना चाहिए और क्या नहीं...

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श्रद्धालु यात्रा में क्‍या करें श्रद्धालुओं को पर्याप्‍त गर्म कपड़े साथ लेकर जाना चाहिए। क्‍योंकि तापमान किसी समय भी अचानक गिरकर चार-पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। यात्रा क्षेत्र में मौसम का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए श्रद्धालुओं को छाता, विंडशिटर, बरसाती और वाटर पूफ्र जूते आदि साथ लेकर यात्रा करनी चाहिए। कपड़ों और खाने के सामान को वाटर पूफ्र थेलियों में रखें ताकि वे गीले न हों। संभावित आपात स्थिति के मद्देनजर प्रत्‍येक यात्री को अपने साथ उसी तिथि को यात्रा शुरू करने वाले किसी अन्‍य यात्री का नाम, पता, मोबाइल फोन नम्‍बर लिखी हुई पर्ची अपनी जेब में रखना चाहिए।

यात्री को अपने साथ अपना पहचान पत्र/चालाक लाइसेंस और यात्रा परमिट साथ रखना जरूरी है। यात्री सामान ले जा रहे कुलियों, घोड़ों, खच्‍चरों के साथ मिलकर समूह में यात्रा करें। यह तय करना महत्‍वपूर्ण है कि समूह के सभी सदस्‍य एक दूसरे को दिखाई देते रहें, ताकि कोई यात्री समूह से अलग न हो सके। वापसी की यात्रा के समय आपको समूह के सभी सदस्‍यों के साथ बेस कैंप को छोड़ना होगा। आपके समूह का कोई व्‍यक्ति अगर लापता होता है तो तुरंत पुलिस से सहायता लें। इसके अलावा, यात्रा शिविर में सार्वजनिक उदघोषणा प्रणाली के माध्‍यम से घोषणा करवाएं।

अपने साथ यात्रा कर रहे साथी यात्रियों की सहायता करें। समय समय पर यात्रा प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। डोमेल और चन्दनवार में एंट्री गेट सुबह 05:00 बजे से रात 11:00 बजे तक खुले रहते हैं। समय पर गेट तक पहुंचना आवश्यक होता है। गेट के बंद होने के बाद किसी भी यात्री को तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती है। पूरे यात्रा क्षेत्र में मुफ्त भोजन सुविधा उपलब्ध रहती है। इसके अलावा बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्धारित खाद्य मेनू का पालन करें। अन्य राज्यों के प्री-पेड सिम कार्ड जम्मू-कश्मीर और यात्रा क्षेत्र में काम नहीं करेंगे इसलिए यात्री बालटाल और नूनवान के बेस कैंप में प्री एक्टिवेटेड सिम कार्ड खरीद सकते हैं।

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श्रद्धालु यात्रा में क्‍या न करें यात्री में चढ़ाई के दौरान महिलाएं साड़ी नहीं पहनें। इसके लिए सलवार कमीज, पैंट शर्ट या ट्रेक सूट सुविधाजनक रहता है। छह सप्‍ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं को तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। तेरह वर्ष की आयु से कम बच्‍चे और 75 वर्ष से अधिक आयु के बुर्जुगों को भी यात्रा करने की अनुमति नहीं मिलेगी। चेतावनी की सूचना वाले स्‍थानों पर नहीं रुकें।

चप्‍पलों का इस्‍तेमाल न करें क्‍योंकि पवित्र गुफा के रास्‍ते पर चढ़ाई और उतराई है, केवल अच्छी क्वालिटी वाले ट्रेकिंग जूते पहनें। रास्‍ते में किसी छोटे मार्ग से जाने की कोशिश न करें क्‍योंकि ऐसा करना खतरनाक होगा। खाली पेट यात्रा शुरू न करें ऐसा करने से स्‍वास्‍थ्‍य बिगड़ सकता है। पूरी यात्रा के दौरान ऐसा कुछ न करें जिससे प्रदूषण फैले या यात्रा क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान पहुंचे। पॉलिथिन का इस्‍तेमाल न करें क्‍योंकि जम्‍मू कश्‍मीर में यह प्रतिबंधित है और कानून के अनुसार दं‍डनीय है।

पवित्र गुफा में दर्शन के दौरान सिक्के, करेंसी नोट, सजावटी चुन्नी, तांबे के लोटे और किसी भी दूसरी सामग्री को फेंक कर चढ़ाने की कोशिश न करें। काफी ऊंचाई को देखते हुए पवित्र गुफा में रात गुजारने के बारे में कभी मत सोचें क्योंकि यहां का मौसम अचानक बिगड़ सकता है। पंचतरणी बेस कैंप से दोपहर 3 बजे के बाद पवित्र गुफा की ओर मत जायें क्योंकि शाम 6 बजे के बाद पवित्र गुफा के दर्शन की अनुमति नहीं है।

 

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