जयपुर:लक्ष्मी पूजा मतलब दीवाली दीपों का त्योहार, जो हर तरफ रौशनी फैलाने का काम करता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है और हर मास में अमावस्या आती है। पर कार्तिक की अमावस्या का अलग ही महत्व है। इस दिन आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता, रात्रि में सर्वत्र गहरा अंधकार छाया रहता है। तंत्र शास्त्र में अमावस्या का बहुत महत्व है और इस दिन होने वाले उपाय बहुत ही प्रभावकारी होते हैं और इनका फल भी शीघ्र मिलता है।
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*पितृ दोष हो या किसी भी ग्रह का दोष, उसे दूर करना, तो अमावस्या के दिन करें ये उपाय। इस दिन तंत्र विद्या और सिद्धियां प्राप्त की जाती हैं। जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन अचूक उपाय किए जाते हैं…
*अमावस्या के दिन पित्रों को दान करने से सूर्य और चंद्रमा के दोषों से मुक्ति मिलती है। भोजन से पहले किसी भी पशु को भोजन का अंश जरूर खिलाएं। इस उपाय से नौकरी में भी लाभ मिलता है।
*जीवन में आई समस्याओं के निवारण के लिए एक सूखे नारियल में एक छोटा सा छेद कर के उसमें भूरा भर दें और इसे किसी उजाड़ जमीन, जहां चींटियों की बांबी हो, नारियल पर किया गया छेद धरती के ऊपर की तरफ कर के गाड़ दें। यह उपाय करते समय सतर्क रहें और लौटते समय पीछे मुड़कर न देखें। इस उपाय से घर में सुख समृद्धि का वास होगा।
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*घर की समृद्धि को बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर में रखें अतिरिक्त सामान, कपड़ों और अनुपयोगी वस्तुओं को बाहर निकाला जाए। घर में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए और चारों कोनों में गंगाजल छिड़क कर सारे नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर दिया जाए।
*इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। किसी दुर्घटना, बीमारी और पीड़ा के निवारण हेतु अमावस्या के दिन मछुआरे से दो जीवित मछलियों को लेकर उन्हें किसी नजदीकी नदी, तालाब और सरोवर में छोड़ दें। राहु-केतु के प्रभाव से बचने और धन लाभ के लिए भी यह उपाय सर्वोत्तम है।
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*नजर दोष से बचना चाहते हैं तो घर के दरवाजे पर काले घोड़े की नाल का मुंह ऊपर की ओर खुला रखकर स्थापित करें। अमावस्या के दिन ब्राह्मण को भोजन में खीर अवश्य खिलाएं। ऐसा करने से महापुण्य की प्राप्ति होती है। पित्तरों के लिए शाम के समय पीपल के पेड़ के नीच एक कटोरी खीर अवश्य रखें।