इस ब्रह्मदेव मंदिर में विज्ञान भी टेकती है घुटने, दर्शन मात्र से दूर होती हैं मानसिक बीमारियां
लखनऊ: इंसान चांद पर भले ही पहुंच गया है, आज वह आसमान में पक्षियों की तरह उड़ने भी लगा है, लेकिन जब आस्था की बात आती है, तो कभी-कभी खुद विज्ञान भी उसके सामने घुटने टेकने पर मजबूर हो जाता है। ऐसी ही आस्थाओं का एक मंदिर स्थित है राजधानी लखनऊ के धनवारा गांव में।
ब्रह्मदेव एक ऐसा मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां मात्र दर्शन करने नजर लगने से होने वाले रोग, ब्रेन हैमरेज, लकवा जैसी घातक बीमारियां और तमाम तरह के टोने-टोटके बड़े ही आराम से ठीक हो जाते हैं।
मान्यता है कि जब लोग हर तरह का इलाज करवाकर हार जाते हैं। उन्हें किसी से उम्मीद नहीं रहती, तब वह यहां आकर दर्शन करते हैं।
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ब्रह्मदेव का यह मंदिर चमत्कारों से भरा है। कहा जाता है कि जहां महंगी दवाइयों, इंजेक्शन, उपचार पद्धतियों व एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तक घूमने से मरीज के ठीक होने की उम्मीद खत्म सी हो जाती है, वह यहां होकर ठीक हो जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं, जो पहले शरीर से लाचार हुआ करते थे, पर जैसे ही वह लखनऊ जिले के धनवारा ब्रह्मदेव मंदिर पर पहुंचे, तो उन्हें काफी लाभ हुआ।
इतना ही नहीं यहां पर सच्चे मन से मनोकामना मांगने पर वह भी पूरी होती है। हर 14 जनवरी शुक्ल पक्ष की द्वादशी को यहां मेला भी लगता है, जो अपने आप में इसे एक आकर्षण बना देता है।
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मंदिर दर्शन के लिए हमेशा आने वाली भक्त किरण ने बताया कि हमने डॉक्टरी इलाज और कई बड़े से बड़े हॉस्पिटल बदल डाले, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मेरे बच्चो की मौत हो गई। यह बताते-बताते किरण की आंखों से आंसू छलक पड़े। बाद में उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें इस मंदिर ब्रह्मदेव मंदिर के बारे में बताया। उनका कहना है कि जब से वह यहां दर्शन के लिए आई, तब से उनका परिवार स्वस्थ है। किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं होती है।
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मंदिर में मौजूद शिवा ने बताया मेरे आधे अंग ने काम करना बंद कर दिया था। मैं बहुत गरीब परिवार से था। सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। मेरे ही गांव के रहने वाले पंडित जी ने मुझे इस मंदिर के बारे में बताया। जैसे ही मंदिर के करीब पहुंचा, वैसे ही मुझे आराम मिलना शुरू हो गया। आज मेरी जवान थोड़ी बहुत लड़खड़ाती है। लेकिन अब पूरी तरह से ठीक हूं।
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ये तो सच है कि विज्ञान के पास हर सवाल का जवाब है। पर जहां विज्ञान भी साथ नही देता, वहां जन्म होता है आस्था का ठीक ऐसा ही कुछ है इस धाम के साथ भी। यहां मांगी गई दुआ व की गई परिक्रमा कभी-कभी दवा से भी ज्यादा असर दिखाती है और इसका सुबूत है। वो लोग जो यहां जाकर लाभान्वित होते हैं।
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