ये ग्रह होते हैं कमजोर तो व्यक्ति होता कई बीमारियों का शिकार

Update: 2018-05-30 06:34 GMT

जयपुर: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह का शरीर से गहरा संबंध है। ग्रह का शुभ या अशुभ होना शरीर के किसी भाग को प्रभावित करता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह अशुभ अथवा कमजोर है तो शरीर के खास हिस्से में समस्या आ जाती है। इतना ही नहीं, ग्रहों की अशुभ स्थिति कई बार शरीर में गंभीर बीमारी पैदा करती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हड्डियों के रोग के पीछे कुंडली में सूर्य का कमजोर होना है। सूर्य के कमजोर होने से हड्डियों की समस्या होती ही है। इसके अतिरिक्त चंद्र और बृहस्पति भी हड्डी रोग पैदा करते हैं। अशुभ शनि के कारण भी हड्डियों से संबंधित बीमारी पैदा होती है।

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सूर्य के कारण आमतौर पर रीढ़ और पीठ से संबंधित समस्या उत्पन्न होती है। सूर्य कमजोर होने पर व्यक्ति को सर्वाइकल और स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या जल्दी हो जाती है। जिसके कारण व्यक्ति को प्रायः चक्कर आते हैं और हमेशा आलस्य बना रहता है। इतना ही नहीं सूर्य के कमजोर होने पर हड्डी भी कमजोर हो जाती है।

सूर्य को मजबूत करेने के लिए प्रतिदिन सूर्य को रोली मिला हुआ जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को जल अर्पण करने के पश्चात् मस्तक पर रोली का तिलक लगाएं। घर में ऐसे कमरे में रहें जहां सूर्य की रोशनी पर्याप्त हो।

चन्द्रमा के कारण हड्डियों की समस्या कुंडली में अशुभ चंद्रमा की स्थिति में जातक के शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है। इस कारण हड्डियों में प्रायः दर्द रहता है। शरीर के लगभग सभी हिस्सों में दर्द होता है। इतना ही नहीं हड्डियों में अकड़न बना रहता है।

अमावस्या को चन्द्र दर्शन करें। हरी इलाइची का चूर्ण बनाकर शहद के साथ सुबह-शाम लें। सुबह के नाश्ते में दूध का सेवन करें। रात्रि को दूध पीने से बचना चाहिए। चांदी का छाल्ला दाहिने हथेली के बीच वाली अंगुली में धारण करें।

ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति के कारण शरीर में फैट बढ़ जाता है। मोटापे के कारण पैरों में खासतौर पर समस्या पैदा हो जाती है। साथ ही घुटने, पंजों और पिंडलियों में समस्या बनी रहती है।

इस स्थिति में एकादशी का व्रत रखना चाहिए। भोजन में हल्दी और दालचीनी के प्रयोग करना चाहिए। सोना और पीले रंग का धातु कम धारण करना चाहिए।

शनि के कारण हड्डियों के साथ-साथ नर्वस सिस्टम भी प्रभावित होता है। शनि के कारण दुर्धटना में हड्डियों की समस्या हो जाती है। जिस कारण हड्डियों के रोग लम्बे समय तक रहती है।

इसके लिए शनिवार को छाया दान करना चाहिए। प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। महीने में एक बार हनुमान जी का पूर्ण श्रृंगार करें।

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