औरैया के इस मंदिर पर नहीं है छत, जिसने की डालने की कोशिश हो गई मौत

Update: 2016-08-24 11:00 GMT

औरैया: भगवान का जिक्र आते ही सर सजदा करने को झुक जाता है। अगर किसी भी मंदिर के पास से भी गुजरे तो श्रद्धा से ही सर झुकते है , इन मंदिरो में लोग उम्मीद और विश्वास लेकर जाते है और दुआ मांगते है। लेकिन यूपी के औरैया जनपद में एक ऐसा भी मंदिर है, जिसकी छत डलवाने वाले को ईश्वर की कृपा नहीं, बल्कि मिलती है मौत। होता ये है कि जिसने भी इस मंदिर में छत डलवाने की कोशिश किया, उसकी मौत हो गई।

मोहम्मद गजनवी के आक्रमण को बयां करता है मंदिर

यूपी का ये औरैया जनपद, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह जनपद के पास है । इसके दिबियापुर थाना क्षेत्र के सेहुद ग्राम में बना प्राचीन धौरा नाग मंदिर की अपनी अलग खासियत है जिसकी वजह से ये पहचाना जाता है। इस मंदिर में सदियों पुरानी मूर्तिया पड़ी है। जो 11 वीं सदी में मोहम्मद गजनवी के आक्रमण के समय मंदिरों के तोड़-फोड़ के सच को बयां करता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये मंदिर कितना प्राचीन है ।

नहीं है छत

ये मंदिर जितना प्राचीन है उतना ही इसके साथ घटने वाली घटनाएं भी दिल को दहलाने वाली होती है। कमरे की तरह दिखने वाला ये मंदिर देखने में ही अपने आप खींचता सा लगता है और जब इस मंदिर में अंदर पहुंचे तो वहां एक कोने में खण्डित पड़ी मूर्तिया तो हैरान करती ही है सबसे ज्यादा हैरान करती है इस मंदिर में छत का न होना ।

जिसने भी डाला छत, हो गई मौत

इस मंदिर में छत न होना ये अपने आप में हैरान कर देने वाली बात है तो सच्चाई और भी भयानक । इस मंदिर में जिसने भी छत डलवाने की कोशिश की, छत तो गिर ही जाती है साथ ही साथ छत डलवाने वाले की मौत हो जाती है। ये हकीकत है यहां के लोगों का कहना है कि गांव के ही एक इंजीनियर, जो लखनऊ में काम करते थे। इस मंदिर में छत डलवाने की कोशिश की तो उनके घर में 2 की मौत हो गयी । छत तो दूर की बात है, इस मंदिर से कोई समान नहीं ले जा सकता है। धौरा नाग मंदिर की सिर्फ यही खूबी इसे सभी मंदिरों से अलग करती है । यहां नागपंचमी में विशेष पूजा अर्चना की जाती है ।

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