बाल्टी के रंग से जुड़े हैं वास्तु शास्त्र, जानिए भरकर रखना है या खाली?

Update: 2017-11-11 04:56 GMT

जयपुर: वास्तु शास्त्र में दिशाओं के साथ घर की वस्तुएं और उसके इस्तेमाल का तरीका भी भाग्य और दुर्भाग्य का निर्धारण करता है। विशेष रूप से बाथरूम और उसके अंदर रखें सामान। शास्त्रों में कहा गया है कि बाल्टी व्यक्ति की किस्मत चमका सकती है। वास्तु के अनुसार बाथरूम में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसलिए इसे हमेशा इसे साफ-सुथरा रखना चाहिए।

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बाथरूम के दरवाजे को हमेशा बंद रखना चाहिए, ताकि नकारात्मक ऊर्जा घर में ना आए। यहां एक विशेष रंग की बाल्टी खास तरीके से रखा जाता है तो कभी भी आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र में रंगों का खास महत्व है। हरेक रंग किसी ना किसी विशेष शुभता को दर्शाता है। उसी रंग में से एक रंग नीला है, जिसे शुभता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावे नीला रंग शीतलता और कभी ना खत्म होने का प्रतीक है। आसमान का भी रंग भी नीला ही है जब आप आकाश में दौड़ते है तो कोई ओर छोड़ नजर नहीं आता है।

 

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नीले रंग की इसी विशेषता के कारण ही वास्तु शास्त्र की दृष्टि से भी इसे महत्वपूर्ण माना गया है। अगर किसी घर में बराबर आर्थिक तंगी रहती है। पैसा आता है मगर टिक नहीं पाता है तो ऐसे में बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखें। इसका ध्यान रखें कि यह कभी खाली नहीं होना चाहिए। इसमें थोड़ी मात्रा में या आधी बाल्टी पानी भरकर रखें। लेकिन इस पानी में भी सफाई का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। इसलिए प्रतिदिन नीली बाल्टी के इस पानी को बदलते रहें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी से निजाद मिलता है।

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