VASTU: अपने बच्चे को बनाना है निडर तो इस दिशा में बनाए घर का बेडरूम

Update: 2017-09-10 06:13 GMT

जयपुर: किसी भी घर में लोग बेडरूम अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हैं, पूरे दिन काम करने के बाद बेडरुम में जाने के बाद शरीर और दिमाग को आराम और शांति मिलती है। अनजाने में बेडरूम में ऐसे काम करते हैं जो न केवल आपके घर की सुख-शांति, बल्कि दूरगामी जीवन पर भी विपरीत असर डालते हैं। वास्तु में बेडरुम का काफी महत्व होता है। जानते हैं इसके अनुसार लोगों के लिए बेडरूम की दिशा का क्या असर पड़ता है।

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*बेडरूम घर के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए। बच्चों का कमरा उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए। *दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण है जो मुखरता और आक्रामक रवैये से संबंधित है। इस दिशा में स्थित बेडरूम में सोने से शर्मीले और डरपोक बच्चे में भी हिम्मत आ सकती है और उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा। वास्तु जानकार मानते हैं कि ऐसे कमरे में आक्रामक और क्रोधी स्वभाव के लोगों को नहीं रहना चाहिए। यह उनकी आक्रामकता को और बढ़ा सकता है।

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*मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में बने कमरा का अविवाहित बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उत्तर-पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का स्थान है इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं होना चाहिए। उत्तर-पूर्व में बेडरूम होने से धन की हानि, काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती है। दक्षिण-पश्चिम का बेडरूम स्थिरता और महत्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है।

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*दक्षिण-पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा , चिंता , और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है। उत्तर-पश्चिम दिशा वायु द्वारा शासित है और आवागमन से संबंधित है। इसे विवाह योग्य लड़किया के शयन कक्ष के लिए एक अच्छा माना गया है। यह मेहमानो के शयन कक्ष लिए भी एक अच्छा स्थान है। शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए, घर के मध्य भाग को वास्तु में बर्हमस्थान कहा जाता है । यह बहुत सारी ऊर्जा को आकर्षित करता है जोकि आराम और नींद के लिए लिए बने शयन कक्ष के लिए उपयुक्त नहीं है।

बेडरूम का भी रखें ख्याल

*सोते समय एक अच्छी नींद के लिए सिर पूर्व या दक्षिण की ओर होना चाहिए। पढ़ने और लिखने की जगह पूर्व या शयन कक्ष के पश्चिम की ओर होनी चाहिए, जबकि पढाई करते समय मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए।

*ड्रेसिंग टेबल के साथ दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवारों पर तय की जानी चाहिए। अलमारी शयन कक्ष के उत्तर पश्चिमी या दक्षिण की ओर होना चाहिए । टीवी, हीटर और एयर कंडीशनर को दक्षिण पूर्वी के कोने में स्थित होना चाहिए।

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*बेडरूम के साथ लगता बाथरूम, कमरे के पश्चिम या उत्तर में होना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम , पश्चिम कोना कभी खाली नहीं रखा जाना चाहिए।

*यदि आप कोई सेफ या तिजोरी, बेड रूम में रखना चाहे तो उसे दक्षिण कि दिवार के साथ रख सकते हें, खुलते समय उसका मुंह धन की दिशा, उत्तर की तरफ खुलना चाहिए|

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