जन्म के साथ नवजात हो पीलिया का शिकार तो जानिए किस ग्रह का है प्रभाव

Update: 2017-11-12 04:35 GMT

जयपुर:ज्यादातर बच्चो को जन्म लेते ही पीलिया हो जाता है। नवजात को यह बीमारी होना, उसके आगे के जीवन के लिए कुछ स्वास्थ्य परेशानियां पैदा करने वाला होता है, वहीं थोड़ी सी असावधानी तत्काल बच्चे की जान भी लेती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह उसके वंशानुगत पाप ग्रहों के प्रभाव से होता हैं। वंशानुगत पाप ग्रह का अर्थ है परिवार में पूर्वजों के कुछ पाप कर्मों के फलस्वरूप बच्चे की कुंडली में जन्म से बिगड़ी हुई ग्रहों की दशा। अक्सर यह राहु दोषों के कारण होता है।

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अगर बच्चे को बार-बार पीलिया हो, पीलिया घातक रूप से सामने आए, तो नवजात की कुंडली के लग्न भाव की जांच करानी चाहिए। लग्न के दूसरे, तीसरे और एकादश भाव में शनि और उस पर क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो, तो बच्चे को जन्म लेते ही पीलिया होता है। ग्रहों की शांति ना करने पर उसे दुबारा या बार-बार यह बीमारी हो सकती है।

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पीलिया ही ज्यादा भयानक रूप में सामने आए या बच्चे को इसके साथ दूसरी बीमारियां भी परेशान कर रही हों, तो कुंडली की जांच कराकर संबंधित पापी ग्रहों की दोष-मुक्ति के उपाय करें। इसके अलावा पितरों की शांति के उपाय भी करने चाहिए। इससे आपका बच्चा ताउम्र स्वस्थ और खुशहाल रहेगा।

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