मुंबई: ज्योतिष शास्त्र में रत्न और पत्थरों का बहुत महत्व होता है। वैसे रत्नों में गिने-चुने नवरत्न ही ऐसे हैं, जिन्हें सब लोग जानते हैं, इन रत्नों के अलावा बहुत से ऐसे रत्न हैं जिनकी बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। ऐसा ही एक रत्न है हकीक, जो धरती पर मिलने वाले अनेक कीमती रत्नों और पत्थरों में से एक हैं। यह गोदावरी नदी व नर्मदा नदी के बिल्कुल नीचे के तल में पाया जाता हैं।
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ज्योतिष शास्त्र में हकीक का महत्व है, हकीक के रत्न एवं उन रत्नों से बनी हुई माला को ज्योतिष के अनुसार बहुत फायदेमंद माना गया है। यह जीवन के बड़े से बड़े दुखों के पहाड़ को तोड़ने में सक्षम है।
हकीक पत्थर कई रंगों में पाया जाता है, लेकिन भारत में काला, सफेद, पीला, लाल, हरा एवं नीले रंग का पत्थर ही पाया जाता है। हकीक के रंगीन पत्थर बहुत ही लाभकारी होते हैं। इनका इस्तेमाल कई प्रकार की समस्याओं से निदान के लिए किया जाता हैं।
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काले रंग के हकीक का प्रयोग करने से शरीर को रोगों व कष्टों से मुक्ति मिलती हैं।
सफेद रंग के हकीक का प्रयोग करने से मानसिक तनाव दूर हो जाता हैं।
नीले रंग के हकीक का इस्तेमाल शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए और पूजा या साधना, मंत्रों का जप करने के लिए किया जाता हैं।
हकीक का इस्तेमाल ज्यादातर माला व पत्थर के रूप में किया जाता हैं। हकीक को हक्क दिलाने वाला पत्थर भी माना जाता हैं।
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खासियत
*हकीक विष व जहर के प्रभाव को भी नष्ट कर देता हैं। इसलिए प्राचीन समय के कुछ राजा–महाराजा हकीक से बने प्यालों का इस्तेमाल रस पान करने के लिए करते थे।
*हकीक का पत्थर मनुष्य की रक्षा करने के लिए भी महत्वपूर्ण होता हैं।हकीक से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और आने वाले संकटों से भी मुक्ति मिल जाती हैं।
*बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए और नजर बाधा को दूर करने के लिए भी यह बेहद उपयोगी होता हैं।