जयपुर: हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि सावन मास की पूर्णिमा को होता है।भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्योहार है। यह त्योहार दीवाली से दो दिन बाद मनाया जाता है।
इसमें बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है। इस साल यह 21 अक्टूबर, दिन शनिवार को मनाया जाएगा।
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इस दिन बहनें भाइयों के स्वस्थ तथा दीर्घायु होने की मंगल कामना करके तिलक लगाती हैं। मान्यता है कि इस दिन बहन अपने हाथ से भाई को जीमाएं या गाली दे तो भाई की उम्र बढ़ती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है। बहनों को इस दिन भाई को चावल खिलाना चाहिए। बहन चचेरी, ममेरी और फुफेरी कोई भी हो सकती है। यदि कोई बहन न हो तो गाय, नदी आदि का ध्यान करके या उसके पास बैठकर भोजन कर लेना भी शुभ माना जाता है। इस दिन यमराज व यमुना जी के पूजन का विशेष महत्व है।
शुभ मुहूर्त
तारीख- 21 अक्टूबर
दिन- शनिवार
शुभ मुहूर्त- द्वितीया तिथि का आरंभ दोपहर 1:37 बजे से
द्वितीया तिथि समाप्त 3:00 बजे 22 अक्टूबर