केदारनाथ: देश में रहस्य और चमत्कार की कमी नहीं है। धर्म और आस्था के नाम पर अनेकों चमत्कार यहां हैं। देेश के कई कोनों में प्राचीन मंदिर है और उससे जुड़े कई रहस्य व चमत्कार की बाते ,किस्से व कहानियां लोगों से सुनने को मिलती है। एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां देवी की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है।
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यह चमत्कारिक मंदिर धारी माता का है, जो बद्रीनाथ व केदारनाथ मार्ग से लगभग 15 किमी दूर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है।यहां धारी माता की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना रूप बदलती हैं।
ये मान्यता है कि धारी माता को उत्तराखंड क्षेत्र की रक्षक मानी जाती है और इस सिद्धपीठ में हर रोज अनेक चमत्कार और अद्भूत घटनाएं होने की बात कही जाती है। इसी जगह पर महाकवि कालिदास को माता काली की कृपा और ज्ञान प्राप्त हुआ था।
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इस शक्ति पीठ को प्राचीन समय में कालीमठ के नाम से पुकारा जाता था और इसका वर्णन पुराणों में भी किया गया है।
मान्यताओं के अनुसार कालीमठ के मंदिर में स्थापित मूर्ति का सिर वाला उपरी हिस्सा बाढ़ के कारण अलकनंदा नदी में बहते हुए धारी नामक गांव में चला आया था।इस मंदिर में जाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।