समाज में बढ़ता है मान सम्मान,मिलती है रोगों से मुक्ति, नवरात्रि में इस तरह करें पूजन
जयपुर: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के विभिन्न अध्यायों के साथ अब आप असाध्य रोगों से कैसे छुटकारा पा सकते हैं? नवरात्रि में देवी की अराधना कैसे की जाए कि रोगों से मुक्ति मिलने के साथ ही निर्भयता बढ़े और समाज में मान सम्मान। दुर्गा सप्तशती के बारहवें अध्याय में देवी के चरित्रों के पाठ का महात्म बताया गया है। देवताओं द्वारा स्तुति करने पर देवी कहती है कि जो पुरूष इन स्त्रातों द्वारा एकाग्रचित होकर मेरी स्तुति करेगा, उसके संपूर्ण कष्टों को निसंदेह मैं हर लूंगी।
आपको दिख रही है ये चीजें तो नवरात्रि में आपको मिलेंगे ऐसे संकेत
मधुकैटभ, महिषासुर, शुम्भ व निशुम्भ के वध की जो मनुष्य कथा कहेंगे, मेरे महात्यम को अष्टमी, चतुर्दर्शी व नवमी के दिन एकाग्रचित होकर भक्तिपूर्वक सुनेंगे, उनको कभी कोई पाप न रहेगा। उनके घर में दरिद्रता न रहेगी और रोगों से छुटकारा मिलेगा।
मेरा यह महात्म महामारी से उत्पन्न हुए संपूर्ण उपद्रवों को एवं तीन प्रकार के उत्पातों को शांत कर देता है। इसलिए मानव को असाध्य रोगों से मुक्ति पाने के लिए मानव को दुर्गा सप्तशती के बारहवें अध्याय का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे निर्भयता के साथ साथ समाज में मान सम्मान की प्राप्ति होगी।