नवरात्रि स्पेशल: यह हैं मां दुर्गा के वह अनोखे 9 मंदिर, जहां सुनती हैं भक्तों की पुकार

Update:2016-10-04 13:16 IST

लखनऊ: मां दुर्गा की कृपा के पावन दिन यानी की नवरात्रि चल रही है। चारों ओर भक्ति का माहौल है। मंदिरों में लगातार भक्तों की भीड़ लगी रहती है। वहीं देश भर में मशहूर माता रानी के दर्शनों के लिए भी भक्त खूब जा रहे हैं। वैसे तो मां दुर्गे कहीं से भी अपने भक्तों की पुकार सुनती हैं, लेकिन कुछ लोगों का मानना है क‍ि देश भर में फेमस मातारानी के इन मंदिरों में मां की पूजा करने से जल्द मुरादें पूरी होती हैं। इस पावन मौके पर हम आपको बता रहे हैं मां दुर्गा के जाने-माने उन मंदिरों के बारे में, जहां के दर्शन करने से न केवल मां अंबे न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं बल्कि यहां पर मन को भी काफी सुकून मिलता है।

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वैष्णों देवी मंदिर: यह मंदिर देवी मां के सबसे ज्यादा फेमस मंदिरों में से एक है। यह कटरा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बता दें कि जिस पहाड़ी पर यह मंदिर बना है, उस पहाड़ी को ही वैष्णों देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

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यह भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ-स्थल है। यहां पर पूरे साल भक्तों की भीड़ लगी रहती है और नवरात्रि में तो यहां लोग खूब दर्शन करने आते हैं।

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दंतेश्वरी देवी मंदिरः शेरोवाली माता 51 शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित है। पुराणों की मानें तो इस जगह पर मां सती के दांत गिरे थे, तभी से यहां मंदिर बनाया गया और देवी मां के दांतों को पूजा जाता है। नवरात्रि में इस मंदिर में दर्शन करने वालों की भीड़ बढ़ जाती है। यहां दशहरा उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

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करणी माता मंदिरः करणी माता मंदिर को मूषक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह राजस्थान के देशनोक में स्थित है। यहां अनगिनत चूहे रहते हैं। यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए हर वर्ष आते हैं। मां दुर्गा के इस रूप वाले मंदिर में भक्तों को मां के मंदिर में घूम रहे चूहों का जूठा प्रसाद दिया जाता है। यहां भक्त मां की पूजा से अपनी जिंदगी को सफल बनाते हैं।

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नैना देवी मंदिरः मां दुर्गा के इस मंदिर को नैना देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। नैना देवी मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठ में से एक है। माना जाता है कि यहां पर मां सती की आंखे गिरी थी।इस मंदिर में दर्शन करनेवाले भक्त नवरात्रि में खूब आते हैं।

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सिरसंगी काली माता मंदिर: कर्नाटक के बेलगाम जिले से इस मंदिर की दूरी 20 किलोमीटर है। यहां काली माता को पूजा जाता है। कहते हैं कि माता की यह मूर्ति भक्तों को आकर्षित करने वाली है और यहां नवरात्रि में भक्तों का ताता लग जाता है। इस मंदिर में मां भक्तों की मनोकामनाएं जल्द पूरी करती हैं।

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कामाख्या मंदिरः यह मां दुर्गा का काफी फेमस मंदिर है। मां के 51 शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर असम में गुवाहाटी की नीलांचल पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर की मान्यता है कि अम्बूवाची योग पर्व के दौरान मां भगवती के गर्भगृह के कपाट स्वत ही बंद हो जाते हैं और उनका दर्शन भी निषेध हो जाता है।

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इस पर्व की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व से इस पर्व में तंत्र-मंत्र-यंत्र साधना हेतु सभी प्रकार की सिद्धियां एवं मंत्रों के पुरश्चरण हेतु उच्च कोटियों के तांत्रिकों-मांत्रिकों, अघोरियों का बड़ा जमघट लगा रहता है। तीन दिनों के बाद मां भगवती की रजस्वला समाप्ति पर उनकी विशेष पूजा एवं साधना की जाती है। यहां नवरात्रि में भी भक्तों की भीड़ लगती है।

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महालक्ष्मी मंदिरः महालक्ष्मी मंदिर भी 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर में है। बता दें कि यहां मां महालक्ष्मी की मूर्ति काले पत्थर की है, जिसकी ऊंचाई करीब 3 फीट और वजन 40 किलोग्राम है। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मां की मूर्ति पर सूर्य की किरणें आती हैं। वहीं इस मंदिर के बाहर खूबसूरत नक्काशी की गई है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

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दक्षिणेश्वर काली मंदिरः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास हुगली नदी के किनारे बना दक्षिणेश्वर काली मंदिर देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां नवरात्रि के समय लाखों भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर की बनावट भी काफी भव्य है और भक्त यहां नवरात्रि के दिनों में जरूर जाते हैं।

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अम्बाजी मंदिरः मां दुर्गा के अम्बे नाम को कौन नहीं जानता है? अम्बे तू है जगदम्बे काली की आरती तो बच्चे-बच्चे की जुबान पर रटा हुआ है। इस मंदिर में नवरात्रि में भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। अम्बाजी का यह मंदिर गुजरात में माउंट आबू से 45 किमी और पालनपुर से लगभग 65 किमी दूरी पर है। 51 शक्तिपीठ में से एक यह मंदिर अम्बा मां के नाम से जाना जाता है।

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