27 सालों से यहां हो रहा है गणेशोत्सव, डिप्टी CM दिनेश शर्मा करेंगे बप्पा का स्वागत
लखनऊ: 25 अगस्त से पूरे देश भर में गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है, जिसकी भव्य तैयारियां शुरू हो गई हैं। नवाबों की नगरी लखनऊ में भी प्रमुख पूजा पंडालों की सजावट शुरू हो गई है। गणपति बप्पा के भक्तों ने भजनों और ढोल-मंजीरों साथ उनके स्वागत की तैयारियां कर रखी हैं।
ऐसी ही शानदार तैयारियों के साथ गणपति के स्वागत के लिए पलकें बिछाकर इंतजार कर रहा है श्री गणेश युवा मंडल, जो कि सन 1990 से लखनऊ में गणेश चतुर्थी का आयोजन करता आ रहा है। यहां भक्तों की भारी संख्या जुटती है और गणपति बप्पा से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।
श्री गणेश युवा मंडल के अध्यक्ष आशुतोष वर्मा का कहना है कि उनके मंडल का मुख्य उद्धेश्य लखनऊ में गणेश चतुर्थी को महाराष्ट्र जैसा महापर्व बनाना है। श्री गणेश जन्मोत्सव का आयोजन श्री गणेश युवा मंडल द्वारा बड़ी धूम-धाम से टाटपट्टी अहियागंज में मनाया जा रहा है। हमेशा की तरह गणेश चतुर्थी पर वैदिक परंपरा से गणेश पूजन किया जाएगा। वह बताते हैं कि गणेश चतुर्थी के पहले दिन से विसर्जन तक हर रोज ब्राम्हण खुद अपने हाथों से गणपति बप्पा की नई मूर्ति बनाते हैं। चौथे दिन बाकायदा जनेव संस्कार होता है।
शामिल होंगे डिप्टी सीएम
आशुतोष वर्मा ने यह भी बताया कि इसके गणेश चतुर्थी के पहले दिन बप्पा के स्वागत कार्यक्रम में खुद डिप्टी सीएम दिनेश वर्मा शामिल होने वाले हैं।
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किस दिन कौन सा होगा आयोजन
-पूज्य भगवान गणपति जी का जन्मोत्सव समारोह 25 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार से 03 सितम्बर 2017 दिन रविवार तक रात्रि 8 से 10 बजे तक श्रद्धालु भक्तों द्वारा
-पूजन एवं वैदिक ब्राम्हणों द्वारा वेदपाठ व प्रवचन होगा।
-फिर 4 सितंबर 2017 दिन सोमवार को सुबह 10 बजे हवन एवं रात्रि 8 बजे भजन संध्या का कार्यकम होगा।
-5 सितंबर 2017 दिन मंगलवार को भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा प्रातः 12 बजे नादान महल रोड से शुरू होकर अहियागंज बाजार, रकाबगंज, सुभाष मार्ग, मेडिकल कालेज, चावक चौराहा, कोनेश्वर मंदिर, लाजपत नगर, कालोनी होते हुए कुड़िया घाट, गोमती तट पर पहुंचेगी। जहां गणपति बप्पा को विसर्जित किया जाएगा और उनसे दोबारा आने की प्रार्थना की जाएगी।
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कब से हुई थी इस महापर्व की शुरुआत
श्री गणेश जन्मोत्सव समारोह का आयोजन आज से 124 वर्ष पूर्व सन 1893 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने भारत माता को ब्रिटिश साम्राज्य के चंगुल से मुक्त कराने की इच्छा से महाराष्ट्र में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की वैनायकी चतुर्थी से किया। इस आयोजन से भारत वासी एक सूत्र में बंधने लगे और भारत को स्वतंत्र कराने में बहुत बड़ा सहयोग प्राप्त हुआ। आज भी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश सहित पूरे इंडिया में गणेश जन्मोत्सव बहुत धूम धाम से मनाया जाता है।
इसके बाद आज से 84 वर्ष पूर्व लक्ष्मण पुरी (लखनऊ) में भगवान श्री गणेश जी का जन्मोत्सव एवं पूजन पं. क्षमापति बाजपेई जी ने प्रारंभ किया। इनकी भक्ति से प्रेरित हाकर इनके शिष्य पं. प्रभूदयाल गौड़ उनके सहयोगी पं. मूलचन्द्र तिवारी एवं पं. राम स्वरूप जी गौड़ एवं पं. द्वारिका नाथ जी पाधा (चुन्नी महाराज) ने श्री गणेश जी का पूजन एवं जन्मोत्सव समारोह मनाया।
इसके बाद इस परंपरा को बनाए रखने मे पं. केदारनाथ शर्मा (पाधा जी) पं. गौरी शंकर जी त्रिपाठी पं. रूप किशोर जी गौड़ और पं. प्रदीप कुमार शर्मा (चुनम जी) ने विशेष भूमिका निभाई।