कुंडली में था ये ग्रह कमजोर, लोगों की किस्मत बदलने वाले बाबा, नहीं बदल सके खुद का भाग्य
जयपुर: हमारे देश में धार्मिक आस्था लोगों की जड़ों में है। धर्म के नाम पर यहां लोगों को आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है। खास कर यहां की महिलाओं को। धर्म और उनसे जुड़े धर्मगुरु के प्रति लोग इतने आसक्त होती हैं कि अपना सबकुछ उनको देने को तैयार रहती हैं। ये धर्म गुरु या कहे बाबा लोग भी लोगों को बेवकूफ बनाने से नहीं चुकते हैं। आज चर्चा में भले राम रहीम है पर उनसे पहले भी साईराम, आसाराम, रामपाल, चंद्रास्वामी ने लोगों को आस्था के नाम पर बहुत लूटा है। ये लोग भी सामान्य जन्मे थे।लेकिन कह सकते हैं कि इन लोगों ने अपनी किस्मत और बुद्धि कौशल से दुनिया को अपने कदमों में झुका दिया।
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जानते हैं पं. दिवाकर शास्त्री के अनुसार शिखर तक पहुंचने वाले इन बाबाओं की कुंडली के बारे में। खासकर राम रहीम की कुंडली जो उन्हें सम्मान के साथ अपमान भी मिला।
पंडित जी बताते हैं कि 15 अगस्त 1967 को कर्क लग्न में जन्मे बाबा राम रहीम की कुंडली और दशा आसाराम जैसी तो बिलकुल नहीं है ये अभी मंगल की दशा में है उनकी पत्रिका में कर्क के सूर्य गुरु से वर्तमान के राहू ने उन्हें कोर्ट के चक्कर में ला दिया। परन्तु कुंडली के ग्रहयोग इतने कमजोर नहीं की वे आसाराम की तरह गुमनाम बन जाएं। अभी उनकी कुंडली में अपयश के साथ यश भी है।
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आसाराम,रामदेव,चंद्रास्वामी की कुंडली में गुरु ने ही उन्हें शिखर पर पहुंचाया। राम रहीम की कुंडली में गुरु अपनी उच्च राशि में है इस गुरु के कारण ही लोग धर्म के क्षेत्र में पूजे जाते हैं और मान सम्मान के साथ अपनी धार्मिक सत्ता चलाते हैं। जब तक आसाराम को गुरु की दशा चली, वे शिखर पर रहे।इधर बाबा रामदेव 2019 तक गुरु की दशा में है। यह बात तो सर्वसिद्ध है की कोई भी व्यक्ति गुरुकृपा के बिना धर्म के क्षेत्र में आता है न ही लोग उसके चरणों पर सर झुकाते हैं।
शुक्र की वजह से अपयश
ज्योतिष शास्त्र में गुरु का सबसे परम शत्रु शुक्र औरतों का मायाजाल है। साधु को इन दोनों से बचना चाहिए और बैलेंस बनाना जरूरी होता है। जिन बाबाओं को अपयश मिला, उनकी बदनामी की असली वजह औरतों के प्रति उनका रुझान है।राम रहीम भी खुद नहीं बचा पाए शुक्र के मायाजाल से।