जयपुर: प्रभु यीशू के जन्म की खुशी का त्योहार क्रिसमस सारी दुनिया के साथ हमारे देश में भी उत्साह से मनाया जाता है। विश्व का सबसे बड़ा त्योहार माने जाने वाला यह पर्व हमें सच्चाई और सद्भावना के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। प्रभु यीशू ने पूरी दुनिया को एकता और भाईचारे से रहने की सीख दी। लोगों को भगवान के करीब रहने का मार्ग दिखाया। जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
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प्रभू यीशू के जन्म की कोई ज्ञात जन्मतिथि नहीं है, फिर भी पूरी दुनिया में क्रिसमस को प्रभु यीशू के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है, इसलिए इसे ‘बड़ा दिन’ भी कहा जाता है। क्रिसमस के दिन गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। जगह-जगह प्रभु यीशू की झांकियां सजाई जाती हैं। इस दिन घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है।
यह पर्व रोमन जाति के एक त्योहार का दिन था, जिसमें सूर्य देवता की आराधना की जाती थी। यह माना जाता था कि इसी दिन सूर्य का जन्म हुआ। बाद में जब ईसाई धर्म का प्रचार हुआ तो लोग प्रभु यीशू को सूर्य का अवतार मानकर इसी दिन उनका भी पूजन करने लगे।
तुर्किस्तान के मीरा नामक शहर के बिशप संत निकोलस के नाम पर सांता क्लॉज का चलन करीब चौथी सदी में शुरू हुआ। वह बेसहारा बच्चों को तोहफे दिया करते थे। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है, जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है।
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