लखनऊ: अगर घर बनवाते समय यदि वास्तु के नियम का ख्याल रखा जाएं तो जीवन में कोई समस्या ही ना हो। खासकर घर के मंदिर, किचन, बाथरूम और टॉयलेट को बनवाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखना चाहिए। नहीं तो वास्तुदोष उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण घर के लोगों के बीच तनाव होता है। पति-पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच अक्सर मनमुटाव और वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती है।
किचन में ना हो पूजा घर
कहा जाता है कि वास्तु के अनुसार किचन में पूजा घर नहीं होना चाहिए। इससे नकारत्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर के सदस्यों में मनमुटाव होता है।
टॉयलेट के सामने ना हो पूजा घर
घर में पूजा घर कभी भी टॉयलेट के सामने नहीं बनवाने चाहिए। इससे पूजा निष्फल होती है और तनाव हावी रहता है।
बाथरुम-टॉयलेट एक साथ नहीं
बाथरुम में चंद्रमा का वास है और टॉयलेट में राहू का। यदि किसी घर में बाथरूम-टॉयलेट एक साथ हैं तो चंद्रमा और राहू एक साथ होने से चंद्रमा को राहू से ग्रहण लग जाता है, इससे चंद्रमा दोषपूर्ण हो जाता है और तनाव का कारण बनता है।
अलगाव की स्थिति होती है
चंद्रमा मन और जल का कारक है और राहु विष का। इस युति से जल विष युक्त हो जाता है। जिसका प्रभाव पहले तो व्यक्ति के मन पर पड़ता है और दूसरा उसके शरीर पर। दोनों ही विपरीत तत्व हैं। इसलिए बाथरूम और टॉयलेट एक साथ होने पर परिवार में अलगाव की स्थिति बनता है। लोगों में सहनशीलता की कमी आती है। मन में एक-दूसरे के प्रति द्वेष की भावना रहती है।