जानिए इस चक्र का रहस्य, कैसे 11 या 21 माला के जाप से हो जाता है हर समाधान
जयपुर:गोमती चक्र को संस्कृत में धेनुपदी कहा जाता है| यह गोमती चक्र समुद्र में पाया जाता है। दक्षिण भारत में इसे गोमथी चक्र कहा जाता है| पौराणिक काल में इसे यज्ञवेदी के चारो ओर लगाया जाता था। राज तिलक के समय इसे सिंहासन के ऊपर छत्र पर लगाया जाता था। गोमती चक्र से अंगुठी व माला भी बनाई जाती है| इस को अगर गौर से देखते है तो इसमें हिन्दी का सात अंक लिखा दिखाई देता है, जो राहु का अंक है। और इससे धारण करने से राहु वश में रहता है।जल में पाये जाने के कारण यह चंद्र गुणों से परिपूर्ण होता है तथा उसके अन्दर सात लिखा होने के कारण राहु संबंधी समस्या से भी छुटकारा मिलता है| गोमती चक्र को आज भी कई गांवों में पशुओं के गले में गोमती चक्र को लाली कपड़े में बांध कर पहना देते हैं। और बहुत से किसान अपने खेत के चारो कोनो में इसे दबा हैं। यह आपको कही भी सरलता से बहुत ही कम कीमत में मिल जाता है। यह पूजन सामग्री बेचने वाली दुकानों में भी मिल सकता है। ज्योतिष के अनुसार गोमती चक्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। इसकी सहायता से जीवन की किसी भी समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है| परंतु इसके लिए उन्हें अभिमंत्रित करना आवश्यक है।
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इसे अभिमंत्रित करने के लिया कोई भी शुभ समय ले| फिर गोमती चक्र अभिमंत्रित करने के लिए 11 अथवा 21की संख्या में गोमती चक्र लेकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। विधिवत पूजा करें तथा निम्नलिखित मंत्र का 21 माला जप करें- ओम् श्रीं नमः। इस जाप के बाद गोमती चक्र अभिमंत्रित हो जाता है| पूजा के बाद इसे धन रखने वाले स्थान पर रख दें या इसकी माला को अपने गले या रिंग को उंगली में धारण कर सकते है।तथा नित्य धूप-दीप दिखाएं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर एक गिलास गंगाजल में गोमती चक्र डाल दें तथा ओम् श्रीं नमः मंत्र का जाप 21 बार करते हुए रोगी को पिला दें। अभिमंत्रण का प्रभाव तीन वर्ष तक रहता है, 3 वर्ष बाद पुनः अभिमंत्रित करें।यह गोमती चक्र के अलग-अलग फायदे होते है| गोमती चक्र उपयोग कर किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। आर्थिक समस्या दो तीन कारणों से आती है, प्रथम आमदनी का स्त्रोत बंद जाना, आमदनी से ज्यादा खर्च होना, कारोबार में पैसा अटक जाना अथवा दिया हुआ कर्ज वापस न आना। इन सब का समाधान इस गोमती चक्र में है ।
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यदि पैसा हाथ में नहीं ठहरता हो तो महीने के पहले सोमवार को 21 गोमती चक्र लाल या पीले रेशमी कपड़े में बांधकर रूपया-पैसा रखने वाले स्थान पर रखें। यह उपाय करते हुए देवी लक्ष्मी से अपने घर में वास करने की प्रार्थना करे| और ऐसा करते हुए कपड़े में बंधे गोमती चक्र लेकर पूरे घर में घूमें तथा बाहर निकलकर किसी मंदिर में रख दें।यदि अत्यधिक परिश्रम के बाद भी आर्थिक स्थिति में सुधार न हो रहा हो तो| गुरूवार को घर के पूजा स्थल में लक्ष्मी-नारायण के चित्र के समक्ष 21 गोेमती चक्र पीले या लाल कपड़े में बांध कर रखें। लक्ष्मी-नारायण से अपने कृपा करने की याचना करें तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन माला नित्य जाप करें। नियमित रूप से सवा महीने तक जाप करने के उपरांत एक वृद्ध तथा एक कन्या को भोजन करवाएं दक्षिणा देकर विदा करें।
यह चक्र अंगूठी में और माला में बनी भी आती है| इनके एक तरफ उठी हुई सतह होती है और दूसरी तरफ चक्र होता है। इन चक्रों को लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है। जो की आपको कभी भी लक्ष्मी की कमी नही होने देती| इससे धारण करने से पैसा खुद लौट कर वापस आता है और कामयाबी दोगुनी करता है
यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को बार-बार नजर लग जाती है| तो एक छोटा सा उपाय करना होगा किसी निर्जन स्थान पर जाकर 3 गोमती चक्रों को 7 बार उतार कर अपने पीछे फेंक दें| पीछे पीछे मुड़कर न देंखे। ऐसे करने से कैसी भी नज़र हो मिनटों में उतर जाता है। सोमवार के दिन 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों का हल्दी से तिलक कर के पीले कपड़ें में बांधकर पूरे घर में घुमाकर किसी बहते हुये जल में प्रवाहित करें। इससे लाभ मिलता है।